सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 साल बाद आयोजित ऐतिहासिक महाकुंभ में देश-दुनिया से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी संगम नगरी पहुंचे और त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान कर लेटे हुए हनुमान जी महाराज के दर्शन किए। मुख्यमंत्री ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और आरोग्य जीवन के लिए मंगलकामनाएं की।
सीएम भजनलाल का सोशल मीडिया संदेश
महाकुंभ में स्नान के बाद मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा:
“प्रयागराज में आस्था, श्रद्धा और एकता के महासमागम ‘महाकुम्भ-2025’ में पवित्र त्रिवेणी संगम पर आस्था की पावन डुबकी लगाने का अनुपम सौभाग्य प्राप्त हुआ। तत्पश्चात, लेटे हुए हनुमान जी महाराज के दिव्य दर्शन एवं पूर्ण विधि-विधान से पूजन-अर्चना कर समस्त प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि, मंगलमय एवं आरोग्यमय जीवन हेतु प्रार्थना की।”
राजस्थान पैवेलियन का निरीक्षण
महाकुंभ में राजस्थान की विशेष भागीदारी को लेकर मुख्यमंत्री ने शनिवार रात राजस्थान पैवेलियन का दौरा किया। उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए भव्य पंडालों, प्रचार-प्रसार सामग्री, आकर्षक फोटो और ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत करने वाली व्यवस्थाओं पर संतोष जताया। इस दौरान तेलंगाना के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर भी उनके साथ मौजूद रहे।
महाकुंभ 2025: क्यों है विशेष?
महाकुंभ-2025 की खासियत यह है कि यह 144 वर्षों बाद आयोजित हो रहा है। इस ऐतिहासिक आयोजन में लगभग 400 मिलियन श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। यह आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। यह 12वां कुंभ मेला होने के कारण चक्रों के पूर्ण होने का प्रतीक है और इसे विशेष महाकुंभ के रूप में देखा जा रहा है।
संतों का सम्मान और सांस्कृतिक समागम
मुख्यमंत्री भजनलाल ने संगम घाट पर पूजा-अर्चना के बाद संत समाज का अभिनंदन किया और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके अलावा, उन्होंने राजस्थान मंडपम में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रशंसा की।
महाकुंभ में राजस्थान का योगदान
राजस्थान की ओर से इस महाकुंभ में कई प्रकार की सांस्कृतिक झांकियां, पारंपरिक नृत्य, और भक्ति संगीत की प्रस्तुतियां की जा रही हैं। साथ ही, प्रदेश से आए श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और भोजन की विशेष व्यवस्था की गई है।
महाकुंभ में सीएम भजनलाल की सहभागिता ने न केवल राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान को उजागर किया है, बल्कि प्रदेशवासियों के लिए गौरव का अवसर भी प्रदान किया है।