सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा


प्रयागराज। इंदौर की रहने वाली 19 वर्षीय मोनालिसा, जो इन दिनों महाकुंभ क्षेत्र में रुद्राक्ष बेचने का काम कर रही हैं, सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उनकी खूबसूरत आंखों का अलग रंग और मासूम चेहरा श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गया है। लेकिन मोनालिसा की कहानी सिर्फ उनकी सुंदरता तक सीमित नहीं है। उनका संघर्षों से भरा जीवन और गरीबी में बीता बचपन हर किसी को झकझोर कर रख देता है।
रुद्राक्ष बेचते हुए मिली पहचान
मोनालिसा महाकुंभ में श्रद्धालुओं के बीच पवित्र रुद्राक्ष और माला बेचकर अपनी जीविका कमा रही हैं। उनका कहना है कि रुद्राक्ष शिव का प्रतीक है और इसे बेचते हुए वह आध्यात्मिकता के साथ अपने जीवन का संघर्ष भी साझा कर रही हैं।
महाकुंभ क्षेत्र में रुद्राक्ष बेचते समय मोनालिसा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। उनकी आंखों के अनोखे रंग और सरल व्यक्तित्व ने उन्हें श्रद्धालुओं के बीच खास बना दिया।
गरीबी और संघर्षों की कहानी
मोनालिसा का बचपन बेहद कठिनाई में बीता। उनके पिता एक मजदूर हैं, और उनकी मां घरों में काम करके परिवार चलाती थीं। गरीबी के कारण मोनालिसा को छोटी उम्र से ही अपने परिवार की मदद के लिए काम करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि, “पढ़ाई के लिए मेरा सपना अधूरा रह गया। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। महाकुंभ में रुद्राक्ष बेचने का यह काम मुझे आत्मनिर्भर बनने का मौका देता है।”
सुंदरता ने लाई मुश्किलें
मोनालिसा की आंखों का अलग रंग और उनका सौंदर्य लोगों को उनकी ओर खींच रहा है। लेकिन उनकी बढ़ती लोकप्रियता उनके लिए परेशानी का कारण भी बन गई है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ उनके आसपास इकट्ठा हो जाती है, जिससे उन्हें कभी-कभी बेचने का काम छोड़ना पड़ता है।
महाकुंभ में प्रेरणा का संदेश
मोनालिसा का जीवन इस बात का उदाहरण है कि किस तरह गरीबी और संघर्षों के बावजूद आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता के साथ जिया जा सकता है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु न केवल उनकी रुद्राक्ष माला खरीदते हैं, बल्कि उनकी कहानी सुनकर प्रेरणा भी लेते हैं।
सोशल मीडिया पर छाईं मोनालिसा
मोनालिसा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रही हैं। कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं, जबकि कुछ उन्हें महाकुंभ की “वास्तविक मोनालिसा” कह रहे हैं।
मोनालिसा का संदेश
मोनालिसा कहती हैं, “मैं चाहती हूं कि लोग मेरे संघर्षों से प्रेरणा लें। शिवजी की कृपा से मैं अपने जीवन को बेहतर बना रही हूं।”
मोनालिसा की यह कहानी न केवल महाकुंभ की पवित्रता को दर्शाती है, बल्कि यह बताती है कि किस तरह संघर्ष और आत्मनिर्भरता से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
महाकुम्भ नगर में वायरल हुई मोनालिसा: माला बेचने वाली लड़की शिविर में कैद, लोकप्रियता बनी मुसीबत
प्रयागराज। महाकुम्भ में माला बेचने वाली एक साधारण लड़की, मोनालिसा, अपनी खूबसूरत आंखों और मासूमियत के कारण सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। लेकिन अब उसकी लोकप्रियता उसके लिए परेशानी का कारण बन गई है। शिविर में कैद मोनालिसा लोगों की भीड़ से बचने के लिए बाहर नहीं आ रही है।
मोनालिसा, जो इंदौर से एक ग्रुप के साथ महाकुम्भ में आई थी, मेला क्षेत्र में माला बेचने जाती थी। उसकी सुंदरता और मासूमियत के कारण लोग उसे घेर लेते थे और उसके साथ तस्वीरें खिंचवाने के लिए भीड़ लगा देते थे। यह स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मोनालिसा माला बेचने का अपना काम भी नहीं कर पा रही थी।
शिविर में कैद, लोगों की वजह से परेशान
मोनालिसा की चचेरी बहन ने बताया कि अधिक भीड़ और लोगों के सवालों से परेशान होकर उसने शिविर से बाहर जाना बंद कर दिया है। उसका कहना है कि मोनालिसा अब लोगों की भीड़ और अनचाहे ध्यान से बचने की कोशिश कर रही है। मोनालिसा के पिता ने भी सोशल मीडिया पर कहा कि उनकी बेटी की यह परेशानी उसकी अचानक हुई लोकप्रियता के कारण है।
इंस्टाग्राम पर रील ने बढ़ाई चर्चा
मोनालिसा ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी एक सहेली के साथ एक रील साझा की, जिसमें वह घरेलू ड्रेस में दिखाई दी। इस पोस्ट ने उसके बारे में और भी चर्चाओं को जन्म दिया।
मेला क्षेत्र से हटाए जाने की चर्चा
मोनालिसा को लेकर यह भी खबर है कि मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ और परेशानी को देखते हुए उसे महाकुम्भ क्षेत्र से हटा दिया गया है। हालांकि, प्रशासन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मोनालिसा की कहानी महाकुम्भ की भीड़ में गुमनाम चेहरों की चुनौतियों और सोशल मीडिया पर वायरल होने के प्रभाव को बयां करती है। उसकी यह स्थिति यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या किसी की सादगी और मासूमियत उसे अनचाहे ध्यान का शिकार बना सकती है।