जयपुर: टोरेस ज्वेलरी द्वारा चलाई गई इन्वेस्टमेंट स्कीम ने हजारों लोगों को भारी रिटर्न का लालच देकर ठगा है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने जयपुर में छापेमारी की है। घोटाले का कुल आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है।

टोरेस ज्वेलरी स्कैम: भारी रिटर्न के लालच में 1000 करोड़ का घोटाला, राजस्थान समेत देशभर में 1 लाख निवेशक ठगे
घोटाले की योजना कैसे रची गई?
टोरेस ज्वेलरी ने अपने बिजनेस के साथ एक इन्वेस्टमेंट स्कीम लॉन्च की, जिसमें निवेशकों को बड़ी रकम कमाने का लालच दिया गया।
- निवेश पर गिफ्ट:
स्कीम के तहत, 1 लाख रुपये के निवेश पर ग्राहकों को मोइसैनाइट स्टोन का एक पेंडेंट दिया जाता था, जिसकी कीमत 10,000 रुपये बताई गई। कंपनी ने साफ किया कि ये नकली पत्थर थे, जो केवल निवेश का प्रतीक थे। - रेफरल बोनस:
निवेशकों को 7% साप्ताहिक ब्याज का वादा किया गया, जिसे बाद में 11% कर दिया गया। निवेशकों को अन्य लोगों को जोड़ने पर रेफरल बोनस भी दिया गया।
शुरुआत में निवेशकों को लौटाई गई रकम, फिर बंद हुए भुगतान
पहले कुछ महीनों तक कंपनी ने ब्याज का भुगतान किया, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा। लेकिन, लगभग दो सप्ताह पहले कंपनी ने अचानक भुगतान बंद कर दिया, जिससे हजारों लोग भारी वित्तीय नुकसान के शिकार हो गए।
ईडी की छापेमारी और जांच
ईडी की टीम ने जयपुर के जौहरी बाजार, किशनपोल बाजार, और जवाहर नगर में छापेमारी की। मामले की जांच में यह बात सामने आई है कि स्कीम के जरिए देशभर में लगभग 1 लाख लोगों को ठगा गया है। अकेले राजस्थान में हजारों लोग इस धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं।
टोरेस ज्वेलरी का बयान
कंपनी ने हाल ही में बयान जारी कर खुद को निर्दोष बताया।
- कंपनी का कहना है कि यह घोटाला कुछ सीनियर मैनेजर्स और कर्मचारियों की साजिश है।
- उन्होंने यह भी दावा किया कि स्टोर बंद करने और निवेशकों को धोखा देने की साजिश इन्हीं कर्मचारियों ने रची।
- कंपनी ने अपने आधिकारिक यूट्यूब और इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए घोषणा की है कि वे जल्द ही स्टोर ऑपरेशन फिर से शुरू करेंगे और निवेशकों का पैसा लौटाया जाएगा।
निवेशकों का क्या होगा?
हालांकि, कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि स्थिति जल्द ठीक की जाएगी, लेकिन ईडी की जांच से सच्चाई सामने आने में समय लगेगा। फिलहाल, निवेशक अपने पैसे वापस पाने की उम्मीद में हैं, लेकिन स्कीम में हुए बड़े घोटाले ने उनकी आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है।
सावधानी की अपील
विशेषज्ञों ने निवेशकों को ऐसी स्कीमों से सावधान रहने की सलाह दी है। बिना जांच-पड़ताल के किसी भी कंपनी में निवेश करना बड़े नुकसान का कारण बन सकता है।