गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली में सुरक्षा पर सवाल
दिल्ली के ओखला इलाके में गणतंत्र दिवस से पहले पुलिस गश्त के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया जिसने न सिर्फ कानून व्यवस्था, बल्कि सत्ता के दुरुपयोग पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान के बेटे और उसके दोस्त पर कानून तोड़ने और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार का आरोप लगा है। इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दिया है।

अब्बू विधायक हैं हमारे, ऐसे कैसे चालान काट दोगे: अमानतुल्लाह खान के बेटे की SHO से बदसलूकी पर बवाल
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली पुलिस के अनुसार, दो युवक मॉडिफाइड साइलेंसर के साथ तेज आवाज में बाइक चलाते हुए पकड़े गए। वे ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए गलत दिशा में लापरवाही भरे तरीके से जिगजैग मोड़ ले रहे थे। पुलिस ने जब उन्हें रोका और पूछताछ की, तो उनमें से एक ने खुद को ओखला से AAP विधायक अमानतुल्लाह खान का बेटा बताया।
युवकों ने पुलिस के निर्देशों का पालन करने से इनकार कर दिया। न उन्होंने अपनी पहचान जाहिर की, न ही ड्राइविंग लाइसेंस या कोई अन्य आईडी पेश की। इस बीच, विधायक के बेटे ने अपने पिता को फोन कर दिया और उन्हें SHO से बात करने के लिए कहा।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
पुलिस ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए मोटर वाहन अधिनियम की कई धाराओं के तहत कार्रवाई की। बाइक को जब्त कर लिया गया और 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इस घटना से यह संदेश गया कि कानून सभी के लिए बराबर है, चाहे वह किसी नेता का बेटा ही क्यों न हो।
राजनीतिक तूफान
घटना पर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया:
“ये हैं आप-दा के गुंडे। अरविंद केजरीवाल अपने विधायक के बेटे की करतूत पर कुछ बोलेंगे?”
यह घटना आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की वजह बन गई है, खासकर जब भाजपा ने इसे “सत्ता के नशे” का उदाहरण बताया।
जनता का नजरिया और कानून बनाम सत्ता
घटना ने सत्ता और कानून की लड़ाई को उजागर किया है। आम जनता का मानना है कि नेताओं और उनके परिजनों को भी कानून का सम्मान करना चाहिए। यदि कानून तोड़ने पर सख्ती नहीं बरती जाती, तो यह प्रशासन की विफलता मानी जाएगी।