✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
Rajasthan New Excise Policy: राजस्थान सरकार ने प्रदेश में शराब बिक्री को लेकर नई आबकारी नीति जारी कर दी है, जिससे शराब बेचने के लिए लाइसेंस लेना अब आसान हो गया है। नई नीति के तहत अवैध शराब की बिक्री पर लगाम लगाने और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
1 अप्रैल 2025 से लागू होगी नई नीति
नई आबकारी नीति 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। हालांकि, सरकार ने शराब दुकानों की कुल संख्या 7665 पर कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन पर्यटन शहरों में शराब बिक्री के नियमों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, जिससे होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को राहत मिलेगी।
पर्यटन क्षेत्र में लाइसेंस लेना हुआ आसान
सरकार ने होटल और रेस्टोरेंट बार संचालकों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाया है। पहले जहां लाइसेंस लेने के लिए होटल में कम से कम 20 कमरे होना अनिवार्य था, अब इसे घटाकर 10 कर दिया गया है। इससे छोटे होटल और रेस्टोरेंट संचालक भी आसानी से लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
नई आबकारी नीति के प्रमुख बदलाव:
- होटल और रेस्टोरेंट लाइसेंस में बदलाव:
- पहले 20 कमरों वाले होटल को ही लाइसेंस मिलता था, अब 10 कमरों वाले होटल भी शराब बेचने का लाइसेंस ले सकेंगे।
- छोटे होटल और रेस्टोरेंट अब सरकारी अनुमति से शराब बेच सकेंगे, जिससे अवैध बिक्री पर रोक लगेगी।
- अवैध शराब की बिक्री पर नियंत्रण:
- सरकार का दावा है कि नई नीति से अवैध रूप से शराब बेचने वालों पर सख्ती होगी।
- होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को आसानी से लाइसेंस मिलेगा, जिससे ब्लैक मार्केटिंग पर लगाम लगेगी।
- राजस्व बढ़ाने की योजना:
- नई नीति के तहत शराब बिक्री को संगठित किया जाएगा, जिससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा।
- छोटे होटल और रेस्टोरेंट अब अधिकृत रूप से शराब बेच सकेंगे, जिससे सरकारी खजाने में बढ़ोतरी होगी।
नई नीति से क्या होंगे प्रभाव?
✅ छोटे होटलों को फायदा: छोटे होटल मालिकों को शराब बेचने के लिए लाइसेंस आसानी से मिलेगा।
✅ अवैध शराब पर लगाम: ब्लैक मार्केट में होने वाली शराब बिक्री पर नियंत्रण संभव होगा।
✅ राजस्व में वृद्धि: सरकार को लाइसेंसिंग और टैक्स के जरिए अतिरिक्त आय होगी।
✅ पर्यटन क्षेत्र में सुधार: पर्यटन स्थलों पर बार और रेस्टोरेंट में शराब की बिक्री आसान होगी, जिससे विदेशी पर्यटकों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
विपक्ष और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
नई आबकारी नीति को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां सरकार इसे आर्थिक और प्रशासनिक सुधार बता रही है, वहीं कुछ सामाजिक संगठनों ने शराब की बिक्री को आसान बनाने पर सवाल उठाए हैं।
कुछ संगठनों का कहना है कि शराब लाइसेंस की शर्तों को आसान करने से राज्य में शराब की खपत बढ़ सकती है। हालांकि, सरकार का दावा है कि इससे अवैध बिक्री रुकेगी और सरकारी नियंत्रण मजबूत होगा।
राजस्थान सरकार की नई आबकारी नीति एक बड़ा बदलाव है, जिससे शराब बिक्री को रेगुलेट करने और अवैध बिक्री पर रोक लगाने की योजना बनाई गई है। हालांकि, इस नीति के प्रभावों का सही आकलन इसके लागू होने के बाद ही हो सकेगा।