✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
परिचय
आयुर्वेद में सौंफ को त्रिदोषनाशक औषधि माना गया है। यह वात, पित्त और कफ—तीनों दोषों को संतुलित करने में सहायक है। इसकी तासीर ठंडी होती है, लेकिन यह जठराग्नि को मंद नहीं करती। सौंफ न केवल पाचन शक्ति बढ़ाने में कारगर है, बल्कि यह कई रोगों में रामबाण औषधि के रूप में काम करती है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक
यदि किसी की आंखों की रोशनी कमजोर हो रही हो, तो उसे सौंफ और मिश्री को समान मात्रा में पीसकर एक चम्मच मिश्रण सुबह-शाम पानी के साथ दो महीने तक लेना चाहिए। इससे दृष्टि स्पष्ट होती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
पेट और कब्ज की समस्या से छुटकारा
रात को सोते समय पांच ग्राम सौंफ का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट की गैस और कब्ज दूर होती है। यह पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और मलत्याग को नियमित करता है।
डायरिया और अपच में फायदेमंद
यदि किसी को अतिसार (डायरिया) हो जाए, तो उसे बेल के गूदे के साथ सौंफ चबाने से आराम मिलता है। सौंफ अजीर्ण (अपच) की समस्या को भी खत्म करती है।
खाने के बाद पाचन के लिए उत्तम औषधि
खाने के बाद सौंफ, जीरा और काला नमक मिलाकर बना चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से भोजन अच्छे से पचता है और पेट हल्का रहता है।
कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में सहायक
यदि कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रखना हो, तो रोजाना खाने के 30 मिनट बाद एक चम्मच सौंफ खाना फायदेमंद होता है।
गैस और अपच का अचूक इलाज
आधी कच्ची और आधी भुनी हुई सौंफ का चूर्ण बनाकर उसमें हींग और काला नमक मिलाकर दिन में 3-4 बार सेवन करने से गैस और अपच की समस्या समाप्त हो जाती है।
दस्त और पेचिश में राहत
भुनी हुई सौंफ और मिश्री को समान मात्रा में पीसकर हर दो घंटे में ठंडे पानी के साथ लेने से मरोड़दार दस्त, आँव और पेचिश में राहत मिलती है।
स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए उपाय
बादाम, सौंफ और मिश्री को समान मात्रा में पीसकर रोजाना भोजन के बाद एक चम्मच लेने से याददाश्त तेज होती है।
अस्थमा और कफ में राहत
दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ का काढ़ा दिन में दो से तीन बार पीने से कफ की समस्या दूर होती है। यह अस्थमा और खांसी में भी कारगर है।
मासिक धर्म की अनियमितता में लाभकारी
गुड़ के साथ सौंफ का सेवन करने से मासिक धर्म नियमित होता है और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
गर्मी में ठंडक देने वाली औषधि
गर्मियों में सौंफ को भिगोकर खाने से शरीर को ठंडक मिलती है। सौंफ का पाउडर और शक्कर मिलाकर लेने से हाथ-पैरों की जलन भी दूर होती है।
शिशुओं के पेट दर्द और अफारे में उपयोगी
एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबालकर ठंडा करके शिशु को देने से उसका पेट दर्द और गैस की समस्या दूर होती है।
लीवर और पाचन क्रिया को मजबूत करता है
कब्ज की परेशानी होने पर आधा ग्राम गुलकंद के साथ सौंफ का सेवन दूध के साथ करने से लीवर मजबूत होता है और पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
रोजाना सुबह-शाम सौंफ खाने से खून साफ होता है और त्वचा में चमक आती है।
मुंह के छालों का उपचार
यदि बार-बार मुंह में छाले होते हैं, तो एक गिलास पानी में दो चम्मच सौंफ डालकर उबालें और जब पानी आधा रह जाए, तो उसमें थोड़ी भुनी हुई फिटकरी मिलाकर दिन में दो-तीन बार गरारे करें। इससे छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।
सौंफ केवल एक मसाला नहीं, बल्कि एक औषधि है, जो कई बीमारियों से बचाने में सहायक है। इसके नियमित सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है, पाचन शक्ति मजबूत होती है और त्वचा में निखार आता है। आयुर्वेद में इसे त्रिदोषनाशक माना गया है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए एक वरदान है।