✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
चारण मैदान व लखदातार मैदान के जिगजैग रास्तों से होकर गुजरेंगे श्रद्धालु
खाटूश्यामजी। विश्व प्रसिद्ध खाटूश्यामजी लक्खी मेला 28 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए इस बार 8 किलोमीटर लंबा मार्ग तय करना होगा। श्रद्धालु चारण मैदान व लखदातार मैदान के जिगजैग रास्तों से होते हुए बाबा श्याम के दर्शन करेंगे। प्रशासन और मंदिर कमेटी ने भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं, जिससे दर्शन सरल और सुरक्षित हो सकें।
भव्य तैयारियों में जुटा प्रशासन, लाखों की भीड़ संभालने के लिए युद्धस्तर पर काम
खाटूश्यामजी के इस विशाल मेले के लिए 80 हजार बांस-बल्ली, 500 बंडल रस्सी और 4 हजार टीन शेड तैयार किए जा रहे हैं, जिससे दर्शन मार्ग को सुव्यवस्थित बनाया जा सके। इसके अलावा, एक करोड़ पानी के पाउच तैयार करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है, ताकि श्रद्धालुओं को गर्मी और उमस के बीच राहत मिल सके।
मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी, अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती और हेल्पडेस्क की व्यवस्था की जा रही है। इस बार दर्शन पंक्ति में पुष्कर मॉडल लागू किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं को जिगजैग लाइन में आगे बढ़ना होगा, ताकि अधिकतम लोग बिना अव्यवस्था के बाबा श्याम के दर्शन कर सकें।
8 किमी लंबा मार्ग: श्रद्धालुओं के लिए धैर्य की परीक्षा
हर साल की तरह इस बार भी खाटूश्यामजी में आस्था का जनसैलाब उमड़ेगा। लेकिन इस बार दर्शन के लिए भक्तों को 8 किलोमीटर लंबा मार्ग तय करना होगा। मंदिर प्रशासन के अनुसार, चारण मैदान और लखदातार मैदान के जिगजैग रास्तों से होकर श्रद्धालु आगे बढ़ेंगे, जिससे भीड़ का दबाव कम होगा और किसी भी अव्यवस्था से बचा जा सकेगा।
विशेष सुरक्षा व्यवस्था, मेडिकल कैंप और कंट्रोल रूम स्थापित
मेला क्षेत्र में विशेष पुलिस बल और होमगार्ड की टीमों की तैनाती की जा रही है। प्रशासन ने 10 अस्थायी चिकित्सा केंद्र, एंबुलेंस और प्राथमिक उपचार दल की व्यवस्था की है। साथ ही, मेले में लाउडस्पीकर के जरिए लगातार घोषणाएं की जाएंगी, ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन मार्ग और सुविधाओं की सही जानकारी मिलती रहे।
दर्शन की समय सीमा और अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
- मेले में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष बैरिकेडिंग लगाई गई है।
- सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
- प्रशासन ने भीड़ से बचने के लिए श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाएं।
- बुजुर्गों और बच्चों के लिए विशेष सहायता केंद्र बनाए जाएंगे।
आस्था और धैर्य का संगम होगा लक्खी मेला
खाटूश्यामजी का लक्खी मेला श्रद्धा, आस्था और धैर्य की परीक्षा होता है। हर साल लाखों की संख्या में बाबा श्याम के भक्त यहां आते हैं और “हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा” के जयकारों से समूचा खाटू गूंज उठता है। इस वर्ष भी भव्य और ऐतिहासिक लक्खी मेले का आयोजन किया जा रहा है, जहां श्रद्धा और समर्पण की अनूठी मिसाल देखने को मिलेगी।