✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सुमेरपुर। जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। सोमवार को खाद्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक दुकान पर छापा मारते हुए 64 लीटर मिलावटी घी जब्त किया। इस दौरान मौके से सरस, नोवा समेत कई ब्रांड के घी के रेपर भी बरामद किए गए, जिससे नकली घी को असली ब्रांड के नाम से बेचने की साजिश का खुलासा हुआ है। मामले में एक युवक को हिरासत में लिया गया है, जिससे पूछताछ जारी है।
कैसे हुआ खुलासा?
खाद्य विभाग को लंबे समय से सुमेरपुर में मिलावटी घी बेचे जाने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद विभाग ने गुप्त रूप से जांच शुरू की और जब पुष्टि हुई कि यहां नकली घी बेचा जा रहा है, तो पुलिस की मदद से छापेमारी की गई।
छापेमारी में क्या-क्या मिला?
छापेमारी के दौरान 64 लीटर मिलावटी घी बरामद हुआ, जिसे प्लास्टिक के डिब्बों में रखा गया था। इसके अलावा कई नामी ब्रांड जैसे सरस, नोवा, अमूल और अन्य कंपनियों के रेपर भी बरामद किए गए, जिससे यह साफ हो गया कि ये लोग मिलावटी घी को असली ब्रांड के नाम से बेच रहे थे।
नकली घी से स्वास्थ्य को खतरा
मिलावटी घी में सस्ते और हानिकारक तेलों की मिलावट की जाती है, जिससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे पाचन तंत्र, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे घी खरीदते समय सतर्क रहें और केवल प्रमाणित दुकानों से ही खरीदारी करें।
अधिकारियों का बयान
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि जब्त किए गए घी के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे। यदि इनमें मिलावट की पुष्टि होती है, तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने हिरासत में लिए गए युवक से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि इस पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
आगे की कार्रवाई
- जब्त किए गए घी के सैंपल की लैब रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्यवाही होगी।
- यदि आरोपी दोषी पाया गया, तो उसे खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सजा हो सकती है।
- प्रशासन ने जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचे जाने की जानकारी मिले, तो तुरंत खाद्य विभाग को सूचित करें।
जनता में आक्रोश
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि मिलावटखोरों की वजह से आम जनता की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की कार्रवाइयों को लगातार जारी रखा जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
सुमेरपुर में हुई इस कार्रवाई से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि खाद्य मिलावट का गोरखधंधा तेजी से फैल रहा है। ऐसे में प्रशासन और जनता, दोनों को मिलकर सतर्क रहना होगा, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।