|सोजत वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत सिटी में बड़ा पुलिसिया भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। डीएसपी अनिल सारण पर जब्त किए गए करीब डेढ़ करोड़ रुपये के सोने को खुद के पास रखने का गंभीर आरोप लगा है। मामले की जांच के बाद पाली एसपी चुनाराम जाट ने इस प्रकरण को उजागर किया, जिसके बाद राजस्थान डीजीपी ने तत्काल प्रभाव से डीएसपी अनिल सारण को निलंबित कर जयपुर मुख्यालय भेज दिया है। इस घोटाले में डीएसपी के गनमैन और स्टाफ कांस्टेबल जितेंद्र सिंह एवं अशोक मीणा की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके चलते दोनों कांस्टेबलों को भी निलंबित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
नागौर जिले के डेगाना निवासी मनीष शर्मा चेन्नई में ज्वेलरी का व्यवसाय करता है। उसके चाचा भी इसी व्यापार से जुड़े हैं। हाल ही में मनीष शर्मा 1 किलो 660 ग्राम सोना लेकर सोजत सिटी के सेहवाज गांव में अपने दोस्त के पास आया था। इस दौरान डीएसपी अनिल सारण को इसकी जानकारी मिली।
बताया जा रहा है कि डीएसपी ने ज्वेलर मनीष शर्मा को थाने बुलाया और उससे सोने के बिल की मांग की। मनीष के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था, जिसके चलते डीएसपी ने उसे धमकाया कि यह सोना चोरी का हो सकता है और इस आधार पर पूरा सोना जब्त कर लिया। लेकिन जब्त किए गए इस सोने को पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया, बल्कि डीएसपी और उनके स्टाफ ने इसे कथित तौर पर अपने कब्जे में रख लिया।
पाली एसपी ने की कार्रवाई
मामले की भनक पाली एसपी चुनाराम जाट को लगी तो उन्होंने तुरंत जांच के आदेश दिए। जांच में पुष्टि होने के बाद एसपी ने डीजीपी को पूरे मामले की रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी ने सख्त कार्रवाई करते हुए डीएसपी अनिल सारण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मुख्यालय जयपुर भेज दिया। साथ ही, उनके गनमैन कांस्टेबल जितेंद्र सिंह और स्टाफ कांस्टेबल अशोक मीणा को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
पुलिस विभाग में हड़कंप
इस प्रकरण से राजस्थान पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। एक अधिकारी द्वारा इस तरह की कथित हेराफेरी सामने आने से पुलिस की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं। मामले की विस्तृत जांच जारी है और यदि किसी अन्य पुलिसकर्मी की संलिप्तता सामने आती है, तो और भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
आगे क्या?
पाली पुलिस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है। जब्त किए गए सोने को बरामद करने और इसके असली मालिक की पुष्टि करने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, डीएसपी अनिल सारण के अन्य मामलों की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उन्होंने इसी तरह और भी मामलों में हेरफेर तो नहीं किया है।
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