राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी दौसा जिले की सेंट्रल जेल श्यालवास से एक पोक्सो (POCSO) आरोपी ने फोन के माध्यम से दी। देर रात 12:45 और 12:50 बजे जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम में दो बार कॉल किए गए, जिनमें मुख्यमंत्री को गोली मारने की धमकी दी गई।
कैसे सामने आया मामला?
धमकी मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और जांच शुरू कर दी। जब कॉल की लोकेशन ट्रेस की गई, तो यह दौसा सेंट्रल जेल की श्यालवास बैरक से की गई पाई गई। इसके बाद जेल प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर जेल में सघन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें कुछ मोबाइल फोन बरामद हुए। पुलिस ने बताया कि धमकी देने वाला व्यक्ति पोक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और वह दो साल पहले अलवर जेल से श्यालवास जेल में स्थानांतरित किया गया था।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दौसा जेल से मिली जान से मारने की धमकी, पोक्सो आरोपी के पास से मिला मोबाइल
आरोपी कौन है और क्यों दी धमकी?
सूत्रों के अनुसार, आरोपी पहले उदयपुर जेल में था, लेकिन वहां शिकायतों के बाद उसे दौसा जेल में ट्रांसफर किया गया। बताया जा रहा है कि आरोपी का जेल प्रशासन से मनमुटाव था, जिसके कारण उसने यह धमकी दी। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी के पास कचौड़ा कंपनी का मोबाइल फोन था, जिसका इस्तेमाल कर उसने धमकी भरा कॉल किया।
एफआईआर दर्ज, पुलिस कर रही पूछताछ
इस मामले में जयपुर के विधायकपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जयपुर पुलिस की एक टीम आरोपी से पूछताछ करने के लिए दौसा के श्यालवास जेल रवाना हुई। आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर आगे की जांच की जाएगी। जयपुर और दौसा पुलिस मिलकर आरोपी से बरामद मोबाइल फोन को लेकर भी पूछताछ करेगी कि यह जेल में कैसे पहुंचा और इसमें कौन-कौन शामिल था।
पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां
यह तीसरी बार है जब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जेल के अंदर से जान से मारने की धमकी मिली है।
- जनवरी 2024: जयपुर सेंट्रल जेल में पोक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी ने मुख्यमंत्री को धमकी दी थी।
- जुलाई 2024: दौसा की श्यालवास जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपी ने भी फोन पर धमकी दी थी।
- फरवरी 2025: अब फिर से दौसा सेंट्रल जेल से मुख्यमंत्री को मारने की धमकी दी गई है।
जेल में मोबाइल कैसे पहुंचे, प्रशासन पर उठे सवाल
यह मामला राज्य की जेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। बार-बार कैदियों द्वारा जेल से धमकी भरे कॉल किए जाने से यह साफ हो रहा है कि जेल के अंदर अवैध रूप से मोबाइल पहुंच रहे हैं। इस पर जेल प्रशासन क्यों रोक नहीं लगा पा रहा, यह एक बड़ा सवाल है।
डीआईजी जेल मोनिका अग्रवाल ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। जेल में मोबाइल कैसे पहुंचे, इसमें किन जेल अधिकारियों या कर्मचारियों की संलिप्तता है, इसका भी पता लगाया जा रहा है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
क्या उठाए जाएंगे कड़े कदम?
पहले भी जेल के कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन अब यह देखना अहम होगा कि इस बार सरकार और जेल प्रशासन कितनी सख्ती से मामले को लेता है। यदि जेलों में सुरक्षा को और मजबूत नहीं किया गया, तो ऐसी घटनाएं दोबारा हो सकती हैं।
इस घटना ने राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले में दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और जेलों में मोबाइल की अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।