✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत।
आध्यात्मिक मार्गदर्शक और समाज सुधारक परम पूज्य संत श्री शंकरानंद भारती जी महाराज का आज देवलोक गमन हो गया। उनके निधन की खबर से संपूर्ण क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। उनके अनुयायियों, संत समाज और श्रद्धालुओं ने गहरे दुख के साथ उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। महाराज जी के पार्थिव शरीर को दोपहर 3:00 बजे बघेलाव की पाल स्थित सोहम आश्रम में पंचतत्व में विलीन किया गया।
उनके अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जिनमें संत समाज के प्रमुख संत-महात्मा, स्थानीय गणमान्य नागरिक, प्रशासनिक अधिकारी और अनुयायी उपस्थित रहे। पूरे विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनकी अंत्येष्टि संपन्न हुई।

संघर्ष और समाज सेवा का अद्वितीय जीवन
संत शंकरानंद भारती जी ने स्वच्छता के लिए किया बड़ा आंदोलन
संत शंकरानंद भारती जी न केवल एक महान आध्यात्मिक संत थे, बल्कि उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व योगदान दिया। सोजत में गंदगी और अव्यवस्थाओं के खिलाफ उन्होंने कई बार आवाज उठाई और प्रशासन को जगाने के लिए एसडीएम कोर्ट के बाहर अनशन तक किया।
उन्होंने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कई आंदोलन चलाए। उनके प्रयासों से सोजत में कई स्थानों पर स्वच्छता व्यवस्था में सुधार हुआ और लोगों में जागरूकता बढ़ी।
आश्रम पर गिरी थी आकाशीय बिजली, फिर भी जारी रखा संघर्ष
महाराज जी का जीवन संघर्षों से भरा रहा। एक बार उनके आश्रम पर आकाशीय बिजली गिरने से वहां भारी क्षति हुई थी, लेकिन इस आपदा के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने संकल्प को बनाए रखा और आश्रम के पुनर्निर्माण के लिए अथक प्रयास किए।
कई कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने अपने धार्मिक और समाजसेवी कार्यों को आगे बढ़ाया। उनके लिए अध्यात्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं था, बल्कि समाज सेवा भी उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा थी।
श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर
संत शंकरानंद भारती जी के निधन की खबर सुनते ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। उनके अनुयायी और भक्तगण दूर-दूर से अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।
उनके अनुयायियों ने बताया कि महाराज जी ने हमेशा सत्य, अहिंसा और समाज सेवा का संदेश दिया। वे गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते थे। उनके आश्रम में रोज़ सैकड़ों श्रद्धालु भोजन और सत्संग का लाभ लेते थे।
आखिरी दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
उनके पार्थिव शरीर को सोहम आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां हजारों लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। माहौल पूरी तरह भावुक था, हर किसी की आंखों में आंसू थे और लोग “संत शंकरानंद जी अमर रहें” के नारे लगा रहे थे।
महाराज जी की शिक्षाएं और योगदान अमर रहेंगे
महाराज जी के निधन से न केवल संत समाज बल्कि पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया है। उनकी शिक्षाएं और समाज के लिए किए गए योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
उनके अनुयायियों का कहना है कि वे भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी विचारधारा, शिक्षाएं और समाज सेवा की प्रेरणा हमेशा जीवित रहेगी।
संत शंकरानंद भारती जी महाराज को कोटि-कोटि श्रद्धांजलि! ॐ शांति!