हिंदू धर्म में पीपल का महत्व: क्यों माना जाता है इसे वृक्षों का राजा?
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
पीपल: एक पवित्र वृक्ष
हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को अत्यंत पवित्र माना गया है। शास्त्रों में इसे देवताओं का वास स्थल बताया गया है। एक श्लोक में इसका उल्लेख इस प्रकार किया गया है—
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु, सखा शंकरमेवच।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम, वृक्षराज नमोस्तुते।।
अर्थात्, पीपल के मूल (जड़) में ब्रह्मा, मध्यभाग में विष्णु और अग्रभाग में शिव का वास होता है। यह वृक्ष सभी देवताओं का निवास स्थान है।
भगवान श्रीकृष्ण ने भी भगवद्गीता में कहा है—
“अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां”, यानी “मैं वृक्षों में पीपल हूँ।”
पीपल की पूजा से सभी देवता प्रसन्न
पीपल की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी देवता स्वतः ही पूजित हो जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति जीवन में कठिनाइयों से घिरा हुआ हो, उसकी कोई सहायता न कर रहा हो, तो उसे पीपल की शरण लेनी चाहिए। श्रद्धा से पीपल की पूजा-अर्चना करने से जीवन की हर समस्या दूर हो सकती है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार—
- प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक पीपल का पौधा अवश्य लगाना चाहिए।
- रविवार को छोड़कर, प्रतिदिन इसे जल अर्पित करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है।
- घर पर पीपल लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसकी छाया घर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
पीपल के नीचे शिवलिंग की स्थापना का महत्व
अगर कोई व्यक्ति पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित कर उसकी नियमित पूजा करता है, तो उसके जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
- सावन मास में विशेष रूप से अमावस्या और शनिवार को पीपल की पूजा करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
- यदि कोई व्यक्ति पीपल के नीचे बैठकर नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करता है, तो यह चमत्कारी फल प्रदान करता है।
पीपल के चमत्कारी उपाय
1. आर्थिक संकट दूर करने के लिए
- प्रत्येक पूर्णिमा पर प्रातः 10 बजे पीपल पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस समय पीपल पर धूप-दीप, मिष्ठान, फल और फूल चढ़ाने से धन की कमी नहीं होती।
- शनिवार को पीपल की पूजा करने से लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
2. व्यापार में वृद्धि के लिए
- प्रत्येक शनिवार को पीपल का एक पत्ता लें, उस पर चंदन से स्वस्तिक बनाकर व्यापारिक स्थल की गद्दी के नीचे रखें।
- यह उपाय लगातार 7 शनिवार तक करें और 8वें शनिवार को सभी पत्तों को जल में प्रवाहित करें।
- इससे व्यापार में तेजी से वृद्धि होती है।
3. ग्रह दोष और शनि की शांति के लिए
- शनिवार को पीपल पर जल चढ़ाने और सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष शांत होता है।
- शनि की साढ़ेसाती और ढैया के प्रभाव को कम करने के लिए प्रत्येक शनिवार पीपल के नीचे कड़वे तेल का दीपक जलाना चाहिए।
- शनिदेव स्वयं कहते हैं—“जो शनिवार को पीपल का स्पर्श करेगा, उसके सब कार्य सिद्ध होंगे और ग्रहजनित पीड़ा नहीं होगी।”
4. रोग निवारण में पीपल का उपयोग
- यदि कोई व्यक्ति किसी असाध्य रोग से ग्रसित है, तो नित्य पीपल की जड़ को बाएं हाथ से स्पर्श करके प्रार्थना करें।
- बीमार व्यक्ति के तकिये के नीचे पीपल की जड़ रखने से जल्दी स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
- निःसंतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए पीपल के पत्ते को एक घंटे तक पानी में रखें, फिर उस जल को ग्रहण करें।
पीपल को काटने का पाप
पद्म पुराण में लिखा गया है—
“जो व्यक्ति पीपल के वृक्ष को काटता है, वह महान पाप का भागी होता है। उससे मुक्त होने का कोई उपाय नहीं है।”
- हर रविवार को पीपल की पूजा वर्जित मानी जाती है।
- यदि पीपल का वृक्ष काटना अत्यंत आवश्यक हो, तो इसे केवल रविवार को ही काटा जा सकता है।
पीपल और पितृ दोष
- ज्योतिष के अनुसार पीपल की सेवा करने से पितृ दोष समाप्त होता है।
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है, तो पीपल की परिक्रमा करने से इसका प्रभाव कम हो जाता है।
- प्रतिदिन (रविवार को छोड़कर) पीपल पर जल चढ़ाने से सभी अशुभ ग्रहों के प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।
पीपल केवल एक वृक्ष नहीं, बल्कि ईश्वर का जीवंत स्वरूप है। यह सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य, धन, संतान और ग्रह दोषों से मुक्ति का उपाय है। इसलिए हर व्यक्ति को पीपल की सेवा करनी चाहिए और इसकी छाया में बैठकर ध्यान और पूजा करनी चाहिए। इससे जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहती है।
हिंदू धर्म में पीपल को ‘वृक्षों का राजा’ कहा जाता है और इसका पूजन करने से समस्त देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।