मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र में टमाटर के दामों में भारी गिरावट, किसान संकट में
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र के किसानों के लिए इस बार टमाटर की फसल घाटे का सौदा साबित हो रही है। किसानों को टमाटर के दाम महज 2 रुपये प्रति किलो मिल रहे हैं, जबकि आम लोगों को यही टमाटर 10 से 20 रुपये किलो में बेचा जा रहा है। इस भारी अंतर के पीछे बिचौलियों और मंडी व्यापारियों की मनमानी बताई जा रही है, जिससे किसान बुरी तरह परेशान हैं।
मंडी में टमाटर के भाव जमीन पर, बाजार में महंगे
इस समय मालवा-निमाड़, रतलाम, मंदसौर, नीमच, उज्जैन और खरगोन जैसे जिलों में टमाटर की पैदावार अच्छी हुई है। लेकिन मांग की कमी और बिचौलियों के खेल के चलते मंडियों में टमाटर के दाम गिरकर 2 से 3 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। किसान लागत तक निकालने में असमर्थ हो गए हैं।
वहीं, शहरों की सब्जी मंडियों में यही टमाटर 10 से 20 रुपये किलो में बेचा जा रहा है। इससे साफ जाहिर है कि बिचौलिये और व्यापारी इसका बड़ा फायदा उठा रहे हैं, जबकि किसान कर्ज में डूबते जा रहे हैं।
किसानों का दर्द: ‘मुनाफा हम नहीं, बिचौलिये कमा रहे हैं’
मंदसौर के किसान रामस्वरूप चौधरी बताते हैं,
“हमने टमाटर उगाने में हजारों रुपये खर्च किए, लेकिन जब फसल मंडी में बेचने पहुंचे तो 2 रुपये किलो भी मुश्किल से मिले। इतना सस्ता बेचने से हमारी लागत तक नहीं निकल रही।”
रतलाम के किसान नरेंद्र पटेल कहते हैं,
“हमारे लिए अब खेती करना मुश्किल हो गया है। सरकार को हमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देना चाहिए, ताकि हमारी मेहनत बेकार न जाए।”
आखिर क्यों गिर रहे हैं टमाटर के दाम?
- अधिक उत्पादन – इस बार टमाटर की फसल भरपूर हुई, जिससे मंडियों में सप्लाई ज्यादा है।
- मांग में कमी – बारिश के कारण टमाटर की खपत कम हो गई है।
- भंडारण की समस्या – किसानों के पास टमाटर को स्टोर करने की व्यवस्था नहीं है, जिससे वे मजबूरी में सस्ते दामों पर बेच रहे हैं।
- बिचौलियों का खेल – व्यापारी सस्ते में टमाटर खरीदकर महंगे दामों में बेच रहे हैं, जिससे किसान को नुकसान और उपभोक्ता को महंगाई झेलनी पड़ रही है।
सरकार से राहत की मांग
किसानों ने सरकार से फसल की उचित कीमत दिलाने और MSP तय करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही सरकारी हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा और वे टमाटर की खेती से पीछे हट सकते हैं।
मध्य प्रदेश के किसान टमाटर की बंपर पैदावार के बावजूद घाटे में हैं। बिचौलियों की लूट के कारण किसान को सही दाम नहीं मिल रहे, जबकि उपभोक्ताओं को टमाटर महंगा मिल रहा है। इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार को जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिल सके और आम जनता को भी राहत मिले।