सीएम की घोषणाओं से नगर निकायों के अधिकारों का हुआ विस्तार
सोजत न्यूज़ | वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
राजस्थान में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों के अधिकारों में बड़ा विस्तार हुआ है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब ये निकाय बड़े भूखंडों के पट्टे जारी कर सकेंगे। इससे न केवल स्थानीय प्रशासन सशक्त होगा, बल्कि आमजन को भी पट्टों की प्रक्रिया में राहत मिलेगी।
अब बड़े भूखंडों के पट्टे जारी कर सकेंगे नगर निकाय
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, प्राधिकरण मुख्यालय वाले नगर निकाय अब 25,000 वर्ग मीटर तक आवासीय पट्टे और 10,000 वर्ग मीटर तक गैर-आवासीय पट्टे जारी कर सकेंगे। वहीं, शहरी सुधार न्यास (UIT) मुख्यालय वाले निकायों को 10,000 वर्ग मीटर तक आवासीय और 5,000 वर्ग मीटर तक गैर-आवासीय पट्टे जारी करने का अधिकार दिया गया है। इससे पहले, इन निकायों के अधिकार सीमित थे, जिससे बड़े भूखंडों के पट्टे जारी करने में अड़चनें आती थीं।
विधानसभा में हुई थी घोषणा, अब अमल में आया फैसला
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में नगर निकायों के अधिकार बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसे अब धरातल पर उतारा गया है। इस फैसले से न केवल नगर निकायों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि राज्य के शहरी विकास को भी बल मिलेगा।
जनता को मिलेगा लाभ
इस फैसले से नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों के क्षेत्र में आने वाले नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। अब पट्टों के लिए प्राधिकरण या UIT मुख्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
नगर निकायों की भूमिका होगी मजबूत
इस निर्णय से नगर निकायों को अधिक स्वायत्तता मिलेगी और वे अपने स्तर पर ही भूमि आवंटन के महत्वपूर्ण निर्णय ले सकेंगे। इससे शहरी विकास की गति तेज होगी और प्रशासनिक प्रक्रिया अधिक प्रभावी बनेगी।
सरकार के इस कदम को शहरी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जिससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि आमजन को भी लाभ मिलेगा।