पंजाबी के सुप्रसिद्ध कथाकार केसरा राम को पंजाबी साहित्य सभा नई दिल्ली का डायरेक्ट मनोनीत
साहित्यकार भरत ओला के निवास पर केसराराम का किया भव्य अभिनंदन
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
पंजाबी के सुप्रसिद्ध कथाकार केसरा राम को पंजाबी साहित्य सभा नई दिल्ली का डायरेक्ट मनोनीत करने पर साहित्यकार भरत ओला के निवास पर केसराराम का अभिनंदन किया गया ।
इस अवसर पर बोलते हुए साहित्यकार डॉ. भरत ओला ने बताया कि पंजाबी भवन नई दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित पंजाबी साहित्य सभा 1943 से एक स्वायतशाषी संस्थान के रूप में कार्यरत है । जो पंजाबी भाषा और साहित्य के प्रचार प्रसार के साथ – साथ दो सौ देहाती लाइब्रेरियों के संचालन हेतु निशुल्क पुस्तकों का वितरण , साहित्यिक गोष्ठियों, सेमिनारों का आयोजन ,जरूरतमंद विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप , लेखकों को फैलोशिप तथा पंजाबी की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका समकाली साहित का प्रकाशन का कार्य करती है । ऐसे प्रतिष्ठित संस्थान का हमारे बीच के साहित्यिक मित्र केसाराम का डायरेक्टर पद पर मनोनीत होना हम सबके लिए गर्व की बात है । साहित्यकार रामेश्वर गोदारा ग्रामीण ने केसाराम का परिचय देते हुए कहा कि केसराराम का राजस्थानी से गहरा नाता है । वे भले ही पंजाबी के सुप्रसिद्ध कहानीकार हैं लेकिन उनकी मातृभाषा राजस्थानी है और उन्होंने राजस्थानी भाषा की भी खूब सेवा की है । केसरा राम ने सैकड़ों राजस्थानी कहानियों का पंजाबी में अनुवाद करके पंजाबी पाठकों तक पहुंचाया । विजयदान देथा की बातां री फूलवाड़ी तथा नाग कथावां , भरत ओला की जीत री जात तथा घुळगांठ , चेतन स्वानी की किस्तुरी मृग , रामस्वरूप किसान की बारीक बात , मंगत बादल की मीरा , हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित 62 कहानीकारों का प्रतिनिधि संग्रह ‘राजस्थानी कहानी ‘ , राजस्थानी की प्रतिनिधि 25 कहानियों का नवयुग पब्लिशर नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित, ‘ कक्के रेते विच उगियां बातां , पंजाबी अकादमी नई दिल्ली की त्रैमासिक पत्रिका समदरशी का राजस्थानी कहाणी विशोषांक का पंजाबी अनुवाद
केसराराम के खाते में दर्ज है ।
इस अवसर पर केसरा राम ने कहा कि इस गौरवशाली संस्था का हिस्सा बनना मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात है। पंजाबी साहित्य सभा, नई दिल्ली की तिमाही पत्रिका ‘समकाली साहित’ के बतौर संपादक मेरी कोशिश रहेगी कि पत्रिका पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति का उन्नयन करते हुए नए लेखकों को प्रोत्साहित कर पाए । उन्होंने आगे कहा कि भाषा, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में पंजाबी साहित्य सभा, पंजाबी भवन, नई दिल्ली का अपना विशेष योगदान रहा है। डायरेक्ट के तौर पर मेरी कोशिश रहेगी कि पंजाबी साहित्य सभा पंजाबी सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बना रहे। ज्यादा से ज्यादा साहित्यिक गतिविधियां, गोष्टियां, सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन करती रहे । ताकि लेखकों ,पाठकों, विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे शोधार्थियों और साहित्य प्रेमियों को एक साझे मंच पर आकर विचारों का आदान-प्रदान करने के मौके मिले।
उल्लेखनीय है कि केसरा राम पंजाबी के प्रसिद्ध कहानीकार हैं। उनके पांच कथा संग्रह और एक उपन्यास सहित दो दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं ।उनकी पुस्तकें अलग-अलग विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाती हैं और एमफिल पीएचडी के लिए खोज कार्य भी हुए हैं। हरियाणा और राजस्थान की अकादमियों से पुरस्कृत भी हैं। साल 2020 का $25000 का ढाहां पुरस्कार भी उन्हें मिल चुका है ।
इस अवसर पर साहित्यकार डॉ शिवराज भारतीय ,लक्ष्मीनारायण कस्वां , डॉ . हाकम अली नागरा ,भाग मल सैनी ,घनश्याम उपाध्याय , कलावती भींचर , रचना डूडी ,अक्षिता शर्मा सहित भाषा प्रेमी उपस्थित थे।