सोजत सिटी, जिसे “मेंहदी नगरी” के नाम से पूरे विश्व में जाना जाता है, एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चर्चा में है। विश्वभर में जहाँ-जहाँ सोजत की मेंहदी पहुँच रही है, वहाँ के लोग इसके इतिहास, खेती, और औद्योगिक प्रक्रिया को जानने में रुचि दिखा रहे हैं।
मनोहर पालड़िया ने बताया कि इसी सिलसिले में कल सोजत शहर में पेरिस और जर्मनी की एक संयुक्त टीम भारत सरकार की अनुमति से पहुँची। इस टीम में शामिल हैं फिल्म की निर्देशक सुश्री फ्रेडरिक श्लम्बोम, कैमरामैन श्री निकोलस इवान ग्रिमांड और निर्माता व ध्वनि-रिकॉर्डिस्ट श्री एलिक्स फ्रेंकोइस मायर। ये टीम मेंहदी पर आधारित “हीना (लासोनिआ इनर्मिस ) प्राऊड आँफ सोजत” नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण कर रही है।

विदेशी टीम ने सोजत के मेंहदी खेतों और फैक्ट्रियों का दौरा कर बुआई से लेकर कटाई और प्रसंस्करण तक की पूरी प्रक्रिया को गहराई से जाना और डॉक्यूमेंट किया। खेतों में बीज से पौधा बनने की प्रक्रिया, फिर कटाई के बाद फैक्ट्री में उसे सुखाकर पाउडर और पेस्ट में बदलने की तकनीक, और फिर पैकिंग – इन सभी चरणों को कैमरे में कैद किया गया।
विशेष रूप से टीम ने मेंहदी के औषधीय गुणों और इससे बनने वाले हर्बल सौंदर्य उत्पादों के उपयोग को भी बारीकी से समझा। पालडिया ने मैहन्दी की रासायनिक संरचना को बताते हुये बताया कि रासायनिक दृष्टि से लासोन नाम वर्णक होता हे मेहंदी को पीसने पर इसके पत्तों में से नेचुरल डाई (लॉसोन) निकलती है. जब यह लॉसोन कैराटिन के संपर्क में आता है तो लाल रंग देता है. कैराटिन प्रोटीन एक्सो स्केलटन यानी स्किन, नाखून और बाल में होता है।

इसीलिए पिसी हुई मेहंदी लगाने पर यह लाल रंग स्किन पर चढ़ जाता है और कई दिनों तक बना रहता है साथ ही मेहंदी पत्तो के उपयोग पश्चात शेष डंठल का उपयोग फायर ब्रिक्स के रूप मे जलाने तथा डंठल मे रासायनिक दृष्टि से सेलुलोज होने से प्राकृतिक कपडे ( सेलुलोज व सेमी सेलुलोज ) बनते है जो पेपरसिल्क नाम से प्रसिद्ध है तथा नववधुओ के परिधान के रूप मे काम मे लिये जाते है।
इस दौरान स्थानीय मेंहदी व्यवसायियों और जानकारों जिनमे श्री मोहनलाल टाँक, श्री राजकुमार टाँक, और श्री धनश्याम टाँक सहित अर्पण गाईड (भाषाई साझेदार) के रुप मे श्री मनोहर पालड़िया, श्री सतीश नायक (मेंहदी आर्टिस्ट), श्री सम्पतराज पंवार, हैप्पी टाँक, ने विदेशी टीम को खेतों और फैक्ट्रियों का भ्रमण करवाया और उपयोगी जानकारी साझा की।
सोजत की मेंहदी की वैश्विक ख्याति को यह डॉक्यूमेंट्री और भी विस्तार देगी, जिससे सोजत के मेंहदी उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक पहचान मिलेगी।