नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कई अहम फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की बैठक में पांच बड़े निर्णय लिए गए। इन निर्णयों में सबसे महत्वपूर्ण है पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा जारी करने पर रोक लगाना और सार्क वीजा छूट योजना (SVES) को तत्काल प्रभाव से रद्द करना।
SVES योजना के तहत भारत में मौजूद- पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया है। वहीं अन्य वीजा धारकों को 1 मई तक भारत छोड़कर पाकिस्तान लौटने के निर्देश दिए गए हैं।
सीमा हैदर के भविष्य पर संशय-
इन फैसलों के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में हैं सीमा हैदर, जो अपने चार बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते भारत आई थीं। पाकिस्तान की नागरिक सीमा हैदर ने भारतीय युवक सचिन मीणा से प्रेम विवाह किया था और तब से वह भारत में ही रह रही हैं। गौरतलब है कि सीमा भारत बिना वैध वीजा और पासपोर्ट के दाखिल हुई थीं, जिससे उनका मामला अभी न्यायालय में लंबित है।
उत्तर प्रदेश एटीएस पहले ही सीमा और सचिन से पूछताछ कर चुकी है। अगर राज्य सरकार सीमा के खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज करती है, तो उन्हें गैरकानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करने के आरोप में दंडित किया जा सकता है, या फिर उन्हें देश से निष्कासित किया जा सकता है।
हालांकि, सीमा हैदर ने भारत की नागरिकता लेने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन मौजूदा हालात और केंद्र सरकार की सख्ती को देखते हुए उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
निष्कर्ष:-
भारत सरकार के हालिया फैसलों से यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। सीमा हैदर जैसे मामलों में अब कानूनी प्रक्रिया और राज्य सरकार की भूमिका अहम हो जाएगी।