✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
कोटा/बारां।
भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की बड़ी कार्रवाई में सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के अधिशाषी अभियंता (AXEN) अजय सिंह की काली कमाई का पर्दाफाश हुआ है। एसीबी कोटा की टीम ने सोमवार को बारां में उन्हें 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आज जब टीम ने कोटा के बजरंग नगर स्थित उनके आवास की तलाशी ली तो वहां से करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज, नगदी और बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिससे एसीबी अधिकारी भी चौंक गए।
छह महीने बाद होना था रिटायरमेंट, लेकिन इससे पहले ही हो गया बेनकाब
AXEN अजय सिंह अक्टूबर में रिटायर होने वाले थे, लेकिन उससे छह महीने पहले ही एसीबी ने उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। अब रिटायरमेंट से पहले जेल की सलाखों के पीछे जाना तय लग रहा है।
घर से मिली करोड़ों की संपत्ति, बैंक लॉकर और गाड़ियां भी जब्त
एसीबी कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार के अनुसार अजय सिंह के कोटा के त्रिवेणी आवास पर छापेमारी के दौरान निम्न संपत्तियां बरामद हुईं:
- करीब 40 लाख रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट
- 2 भूखंडों के कागजात
- 12 से ज्यादा बैंक अकाउंट और लॉकर
- 2 फोर व्हीलर, 1 टू व्हीलर वाहन
- 2 लाख रुपए नकद
एएसपी स्वर्णकार ने बताया कि बैंक लॉकर कोर्ट के आदेश के बाद खोले जाएंगे। जांच में सामने आए सभी दस्तावेज और नकदी को कब्जे में लिया गया है।
20 लाख की रिश्वत मांग रहा था, 5 लाख लेते ही धरदबोचा
शिकायतकर्ता ठेकेदार ने ACB को सूचना दी थी कि वह सड़क चौड़ाईकरण और पुलिया निर्माण के काम कर चुका है, लेकिन करीब 7 करोड़ रुपए के बिल पिछले ढाई साल से लंबित हैं। आरोपी AXEN अजय सिंह उन बिलों को पास करने की एवज में 20 लाख रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा था।
शिकायत की सत्यता जांचने के बाद ACB टीम ने ट्रैप प्लान किया और सोमवार को बारां सर्किट हाउस के एक कमरे में 5 लाख रुपए की पहली किश्त लेते ही अजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
आज शाम कोर्ट में किया जाएगा पेश
गिरफ्तारी के बाद अजय सिंह को आज शाम बारां की एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, एसीबी ने जब्त संपत्ति और दस्तावेजों को लेकर आय से अधिक संपत्ति का एक अलग मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है।
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की एक बड़ी जीत मानी जा रही है, जिससे यह संदेश गया है कि रिटायरमेंट के आखिरी पड़ाव में भी भ्रष्ट अधिकारी कानून के शिकंजे से नहीं बच सकते।