✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

नई दिल्ली। देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। केंद्र सरकार 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लागू कर सकती है, जिससे कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹51,000 तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। यह कदम कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा कर सकता है, जिससे उनके वेतन में करीब तीन गुना तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
8वां वेतन आयोग क्यों है खास?
7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था और अब लगभग 10 वर्ष पूरे होने को हैं। ऐसे में सरकार पर 8वें वेतन आयोग को लागू करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यदि यह आयोग समय से लागू होता है, तो इससे करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा।
अनुमानित बदलाव:
वर्तमान प्रस्तावित (8वां वेतन आयोग लागू होने पर) न्यूनतम बेसिक पे ₹18,000 ₹50,000 – ₹51,000 तक फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना 3.68 से 3.85 गुना होने की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई भत्ते (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और अन्य भत्तों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की जा सकती है।
कर्मचारी संगठनों की मांग
कई कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि 8वें वेतन आयोग की घोषणा जल्द की जाए ताकि कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति समाप्त हो और उन्हें भविष्य की आर्थिक योजना बनाने में आसानी हो। इसके अलावा, यह भी मांग की गई है कि न्यूनतम पेंशन ₹9,000 से बढ़ाकर ₹20,000 की जाए।
सरकार का रुख
हालांकि अभी तक सरकार की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन वित्त मंत्रालय और कार्मिक विभाग में इस संबंध में मंथन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद सरकार इस पर कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 7वां वेतन आयोग लागू कर कर्मचारियों को बड़ी राहत दी थी।
क्या कहता है अर्थशास्त्र?
वेतन आयोग लागू होने से कर्मचारियों की खरीद शक्ति में वृद्धि होगी, जिससे बाज़ार में मांग बढ़ेगी और देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। हालांकि सरकार के लिए इससे वित्तीय बोझ भी बढ़ेगा, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह निर्णय राजकोषीय संतुलन के भीतर रहकर लिया जा सकता है।
यदि 8वां वेतन आयोग समय पर लागू होता है, तो यह केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक ऐतिहासिक तोहफा साबित हो सकता है। अब सभी की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।