✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत/नागौर, 10 जुलाई 2025
सोजत सर्कल के चंडावल थाना क्षेत्र में नागौर निवासी हरचंद राम बंजारा की संदिग्ध मौत के मामले ने अब राजनीतिक और सामाजिक रूप से तूल पकड़ सकता है। दूसरे दिन भी बंजारा समाज के सैकड़ों लोग सोजत एसडीएम कोर्ट के बाहर धरने पर बैठे हैं। परिजनों ने पुलिस पर बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप दोहराया है और न्याय की मांग करते हुए तीन प्रमुख मांगें प्रशासन के समक्ष रखी हैं।
🔴 परिजनों की तीन प्रमुख मांगे:
- 50 लाख रुपए मुआवजा
- मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी
- दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत सस्पेंड कर सख्त कार्रवाई
परिजनों का आरोप है कि हरचंद राम की पिकअप गाड़ी को चंडावल थाना पुलिस ने रोका और उसे थाने में ले जाकर क्रूरता से पीटा, जिसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह बात सुनकर समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है।
मृतक का परिचय
हरचंद राम बंजारा (उम्र 45 वर्ष), गांव टागली, तहसील जायल, जिला नागौर का निवासी था। वह किसी निजी कार्य से चंडावल थाना क्षेत्र में आया हुआ था। वहीं पुलिस ने उसे रोककर पूछताछ के बहाने हिरासत में लिया और परिजनों के अनुसार, थाने में ही उसकी बेरहमी से पिटाई की गई।
पोस्टमार्टम और पुलिस की चुप्पी
हरचंद राम का शव सोजत राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। परिजन मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम की मांग कर रहे हैं। अभी तक पुलिस की ओर से कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। ना ही यह बताया गया है कि आखिर हरचंद राम को थाने क्यों बुलाया गया था।
🧑⚖️ धरना स्थल पर भारी सुरक्षा बल तैनात
धरना स्थल पर प्रशासन की ओर से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। सोजत एसडीएम व अन्य अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं। हालांकि परिजनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द सरकार और पुलिस प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानता, तो वे धरना तेज कर सोजत बंद का आह्वान करेंगे।
मामले पर उठ रहे सवाल
- क्या पुलिस हिरासत में की गई पिटाई ही मौत का कारण बनी?
- पुलिस ने बताया हार्ट अटैक से हुई मौत
🗣️ सामाजिक संगठनों का साथ
बंजारा समाज के साथ-साथ कई सामाजिक संगठन और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस मामले में निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि यदि पुलिस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आम नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
यह मामला अब सिर्फ एक व्यक्ति की मौत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पुलिस व्यवस्था और आमजन के अधिकारों पर एक बड़ा सवाल बन गया है।
👉 जैसे-जैसे जानकारी सामने आएगी, अपडेट किया जाएगा।