सोजत। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर तपोरत महान सिद्ध,योगी और तपस्वी भी अपने गुरु के दर्शन करने के लिए समर्पित हो उन्हें प्रसन्न कर आशीर्वाद लेने को आतुर हो जाते हैं ।

भारतीय समुदाय की मान्यता में यह दिवस सभी गुरुजनों के लिए समर्पित है सभी नर नारी दर्शन कर स्वयं को धन्य समझते हैं। इस संसार में आज भी अड़सठ तीर्थ स्थल विद्यमान है जहां भगवान आशुतोष महादेव विराजमान हैं महादेव सभी प्राणी मात्र के गुरु हैं और उनकी प्रतिमूर्ति गुरु चरणों में समझते हुए साष्टांग प्रणाम करते हैं।
गुरु फूल नारायण आश्रम, ओम् विश्वदीप द्वादश ज्योतिर्लिंग महादेव और अन्य अनेक गुरु आश्रमों में आज दिवस समरोह पूर्वक गुरु चरणों का पूजन किया जाएगा जिसमें अनेकों देश, विदेशों से आए भक्त जन आशीर्वाद प्राप्त कर लाभान्वित रहेंगे ।
इस अवसर पर आचार्य माधव शास्त्री ने बताया कि इस जीवन में माता, पिता और गुरु का विशेष महत्व रहता है अतः तीनों के समीप रहते हुए स्वयं को तपाना चाहिए इनमें से एक भी नहीं तो इस लाभ से वंचित रह जाते हैं अतः इन तीनों की सेवा करने पर व्यक्ति मृत्यंजय और अद्वितीय हो सकता है।
आचार्य माधव शास्त्री