

आईएफडब्ल्यूजे ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी की मांग की, दोषियों की गिरफ्तारी व बर्खास्तगी की उठी मांग
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत सिटी। माउंट आबू में एक पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले को लेकर पत्रकारों में भारी आक्रोश है। इसी क्रम में इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) की सोजत इकाई ने सोमवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों ने इस हमले को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताते हुए दोषियों के खिलाफ तत्काल गिरफ्तारी, बर्खास्तगी और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” लागू करने की मांग की।
माउंट आबू में क्या हुआ था?
घटना के अनुसार, पत्रकार हरिपाल सिंह नगर पालिका अधिकारी का पक्ष जानने के लिए माउंट आबू नगरपालिका कार्यालय पहुंचे थे, जहां सफाई निरीक्षक और सफाई कर्मियों ने मिलकर उनके साथ मारपीट की। इस हमले को लेकर पत्रकारों में भारी नाराजगी है। उपखंड अध्यक्ष कैलाश गहलोत ने कहा, “यह घटना पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। ऐसे हमलों से लोकतंत्र की नींव हिलती है।”
प्रदेशभर में रोष
आईएफडब्ल्यूजे के प्रदेश प्रतिनिधि अरुण जोशी ने कहा कि पत्रकारों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और सरकारें मूकदर्शक बनी हुई हैं। उन्होंने कहा, “पत्रकारों को डराने-धमकाने की कोशिशें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। माउंट आबू की घटना के विरोध में संपूर्ण पत्रकार जगत एकजुट है।”
क्या हैं मांगें?
ज्ञापन में पत्रकारों ने स्पष्ट मांग की कि—
- तीनों आरोपी सफाई कर्मियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए,
- बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने वाले कार्मिकों को सरकारी सेवा से बर्खास्त किया जाए,
- पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए,
- भविष्य में ऐसी घटनाओं पर “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाई जाए।
पत्रकारों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आईएफडब्ल्यूजे प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन, विरोध प्रदर्शन और विधानसभा घेराव करेगा।
ज्ञापन देने वाले प्रमुख पत्रकार:
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश प्रतिनिधि अरुण जोशी, उपखंड अध्यक्ष कैलाश गहलोत, राजेश शर्मा, प्रकाश राठौड़, मीठालाल पंवार, भुवनेश टांक, दिलखुश गहलोत, चेतन व्यास, राकेश शर्मा, रमेश भट्ट, अब्दुल समद राही, महावीर गहलोत, लक्ष्मीनारायण माली,
ओमप्रकाश बोराणा, हरीश गहलोत, उगमराज चौहान, अजय जोशी, हनुवंतसिंह भाटी, अशोक गहलोत, बलवंत लुणिया, गजेन्द्र गहलोत, ओमप्रकाश सागर,
गोविन्द्र गर्ग, राकेश गहलोत, हीरालाल शर्मा, अकरम खां, मनीष मेवाड़ा, दिनेश प्रजापत, दिलीप मेवाड़ा, प्रकाश परिहार सहित बड़ी संख्या में पत्रकार व मीडियाकर्मी मौजूद रहे।
- फोटो 1: सोजत – उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते पत्रकार
- फोटो 2: सोजत – विरोध प्रदर्शन करते पत्रकार व मीडियाकर्मी
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि पत्रकारों की सुरक्षा अब प्राथमिक मुद्दा बन चुकी है। यदि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को यूं ही निशाना बनाया जाता रहा तो न केवल स्वतंत्र पत्रकारिता खतरे में आएगी, बल्कि लोकतंत्र की नींव भी हिल जाएगी। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में कितनी तेजी और गंभीरता से कार्रवाई करती है।