जयपुर। ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ऑनर एसोसिएशन ने 31 अक्टूबर से प्रदेशभर में स्लीपर बसों का संचालन बंद करने का ऐलान किया है। गुरुवार आधी रात से राजस्थान में करीब 8,000 स्लीपर बसों के पहिए थम गए हैं। इससे राजस्थान से अन्य राज्यों में यात्रा करने वाले करीब 3 लाख यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रैवल एजेंसियों ने जोधपुर सहित कई शहरों से चलने वाली बसों की ऑनलाइन बुकिंग गुरुवार शाम तक ही बंद कर दी थी। वहीं, राजस्थान बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो 2 नवंबर से प्रदेशभर में 20 हजार से अधिक निजी बसों का चक्का जाम किया जाएगा। इसमें ग्रामीण सेवा, स्कूल बसें, स्टेट कैरिज, उपनगरीय और लोक परिवहन बसें भी शामिल होंगी।
🔹 क्यों शुरू हुई हड़ताल
एसोसिएशन ने बताया कि यह कदम परिवहन विभाग के 29 अक्टूबर को जारी आदेश के विरोध में उठाया गया है। आदेश के तहत स्लीपर बसों की जांच के लिए 12 बिंदुओं की लिस्ट जारी की गई है और नियमों का पालन न करने वाली बसों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का निर्देश दिया गया है।
ऑल इंडिया टूरिस्ट बस ऑनर एसोसिएशन के सचिव राजेंद्र परिहार ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा कि
“हम यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं, लेकिन विभाग द्वारा की जा रही एकतरफा कार्रवाई और भारी जुर्माने के कारण ऑपरेटर्स के पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।”
🔹 बस ऑपरेटरों की शिकायतें
बस मालिकों का कहना है कि विभाग बिना पर्याप्त समय दिए बसों की चेकिंग, सीज और चालान की कार्रवाई कर रहा है।
अब तक 1000 से ज्यादा बसों के चालान काटे जा चुके हैं।
200 से अधिक बसें सीज की जा चुकी हैं।
बस ऑनर्स को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।
संगठन ने सवाल उठाया कि अगर बसों में खामियां हैं, तो उन्हें सुधारने के लिए मोहलत क्यों नहीं दी जा रही?
ऑपरेटरों का कहना है कि सरकारी अधिकारियों ने ही पहले इन बसों को मंजूरी दी थी, ऐसे में दोष सिर्फ बस मालिकों पर डालना अनुचित है।
🔹 बढ़े करों और सख्ती से परेशान बस मालिक
बस ऑनर्स का कहना है कि वे पहले से ही उच्च कर दरों का बोझ झेल रहे हैं —
स्लीपर बसों पर वार्षिक कर ₹30,000–₹40,000
ऑल इंडिया रूट परमिट पर ₹3 लाख तक शुल्क
ऐसे में नए नियमों और भारी कार्रवाई से उनका व्यवसाय पूरी तरह ठप होने की कगार पर है।
🔹 यात्रियों से वैकल्पिक व्यवस्था की अपील
एसोसिएशन ने यात्रियों से अपील की है कि वे वैकल्पिक यात्रा साधनों की व्यवस्था करें, क्योंकि हड़ताल के दौरान बसें नहीं चलेंगी।
🔹 2 नवंबर से बड़ा आंदोलन संभव
राजस्थान बस ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने कहा—
“31 अक्टूबर से स्लीपर बसें बंद रहेंगी। अगर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो 2 नवंबर से प्रदेशभर में सभी निजी बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि विभाग की एकतरफा कार्रवाई और मनमाने जुर्माने से बस उद्योग संकट में है।
🔹 विभाग की कार्रवाई के मुख्य बिंदु
परिवहन विभाग ने जांच के लिए निम्नलिखित 12 बिंदुओं की सूची जारी की है—
टाइप अप्रूवल सर्टिफिकेट
आपातकालीन निकास (12 मीटर तक 4, उससे अधिक लंबाई में 5)
चेसिस का अवैध कटाव
वर्टिकल बीम का नियम विरुद्ध प्रयोग
स्लीपर बर्थ की न्यूनतम
लंबाई 1800 मिमी
अवैध पार्टीशन गेट
छत पर अवैध लगेज कैरियर
एसी/नॉन-एसी पंजीकरण की जांच
एक ही पंजीकरण नंबर का दुरुपयोग
10–12. अन्य तकनीकी सुरक्षा मानक
विभाग ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाली बसों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा और संबंधित RTO/DTO को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
31 अक्टूबर से प्रदेशभर में स्लीपर बसों का संचालन बंद
रोजाना 3 लाख यात्रियों की यात्रा प्रभावित
2 नवंबर से सभी निजी बसों के चक्का जाम की चेतावनी
परिवहन विभाग के आदेश और जुर्माने के विरोध में हड़ताल
यात्रियों से वैकल्पिक व्यवस्था करने की अपील
