✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
दिसंबर के महीने में सर्दी के तेज होते ही पशुओं पर इसका गहरा प्रभाव पड़ने लगा है। तापमान में गिरावट और ठंडी हवाओं के कारण गाय, भैंस और अन्य घरेलू पशुओं में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। पशुपालकों के लिए यह स्थिति चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि सर्दी के कारण पशुओं की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।
गायों और अन्य पशुओं पर सर्दी का असर
पशु विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दी के कारण पशुओं में खुरपका, मुंहपका, निमोनिया और बुखार जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। ठंडे मौसम में नवजात बछड़ों और दुग्ध उत्पादक गायों को विशेष रूप से अधिक परेशानी हो रही है। गायों की दूध उत्पादन क्षमता भी प्रभावित हो रही है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
पशुपालकों को बरतनी चाहिए ये सावधानियां
1. ठंडी हवाओं से बचाव: पशुओं को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए उन्हें ऐसे स्थानों पर रखें, जहां तेज हवा और ठंड का प्रभाव कम हो।
2. गर्म बिस्तर: उनके लिए सूखा और गर्म बिस्तर तैयार करें। बिस्तर में भूसे या सूखी घास का उपयोग करें।
3. पौष्टिक आहार: पशुओं को सर्दियों में पौष्टिक आहार और गर्म पानी दें, ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
4. टीकाकरण: समय-समय पर पशुओं का टीकाकरण कराएं, ताकि बीमारियों से बचाव हो सके।
5. गर्म रखने की व्यवस्था: पशुशालाओं में तापमान को स्थिर रखने के लिए हीटर या आग जलाने की व्यवस्था करें।
सरकार और पशुपालन विभाग की भूमिका
पशुपालकों का कहना है कि सरकार को सर्दी के मौसम में पशुओं की सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएं लागू करनी चाहिए। पशुपालन विभाग को गांवों में जागरूकता अभियान चलाकर पशुपालकों को सर्दी में पशुओं की देखभाल के उपायों की जानकारी देनी चाहिए।
सर्दी के मौसम में पशुओं की सही देखभाल से न केवल उनकी सेहत अच्छी रहेगी, बल्कि पशुपालकों को भी आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकता है। पशुपालकों को इन सर्दियों में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।