✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। सोजत

राजस्थान में घर और जमीन खरीदना अब और महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने डीएलसी रेट (बाजार मूल्य) में बढ़ोतरी को आज (2 दिसंबर) से लागू कर दिया है। इस बढ़ोतरी के तहत शहरी क्षेत्रों में डीएलसी रेट 5 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाए गए हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह बढ़ोतरी 50 प्रतिशत तक की गई है। इसका सीधा असर संपत्ति खरीदने वालों की जेब पर पड़ेगा।
यदि 50 लाख रुपए के मकान या भूखंड की रजिस्ट्री करवाई जाए, तो पुरुषों को 66 हजार रुपए अतिरिक्त देने होंगे। वहीं, महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री कराने पर यह खर्च 56,250 रुपए अतिरिक्त होगा।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्ट्री के नए नियम
शहरी क्षेत्रों में: रजिस्ट्री अब वर्ग गज या वर्ग मीटर के बजाय केवल वर्ग मीटर में होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में: कृषि भूमि की रजिस्ट्री बीघा के बजाय हेक्टेयर में की जाएगी।
डीएलसी दरों की बढ़ोतरी का कारण
इस निर्णय के पीछे प्रमुख वजह यह है कि जिन ग्रामीण इलाकों में शहरीकरण तेजी से बढ़ा है, वहां की जमीनों के डीएलसी रेट लंबे समय से पुराने बने हुए थे। सिंचित कृषि भूमि के डीएलसी रेट में भी 50 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है, क्योंकि कई जगहों पर सिंचित जमीन की दरें असिंचित जमीन के बराबर या उससे कम थीं।
जयपुर में बढ़ोतरी के आंकड़े
जयपुर में औसतन 15 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
सीकर रोड और जगतपुरा जैसे क्षेत्रों में डीएलसी दरों में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री में राहत
पुरुषों के लिए रजिस्ट्री शुल्क 8.8 प्रतिशत की दर से लागू होता है, जिसमें 6 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी, 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस और 30 प्रतिशत सरचार्ज शामिल है।
महिलाओं के लिए यह दर 7.5 प्रतिशत है, जिसमें 5 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 30 प्रतिशत सरचार्ज शामिल है।
बढ़ोतरी से पहले का प्रयास
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने बढ़ी दरों को लागू करने के लिए 30 नवंबर और 1 दिसंबर को सॉफ्टवेयर अपडेट किया। इस दौरान कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं।
पहले भी बढ़ी थीं दरें
इस साल 1 अप्रैल को भी डीएलसी रेट में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस साल यह दूसरी बार है जब सरकार ने दरें बढ़ाई हैं।
नए डीएलसी रेट से राज्य को फायदा
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से राजस्व में बढ़ोतरी होगी, जबकि आम जनता को अपनी संपत्ति खरीदने में अधिक खर्च करना पड़ेगा।
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डीएलसी दरों की यह बढ़ोतरी संपत्ति खरीदने वालों के लिए चुनौती बन सकती है। हालांकि, महिलाओं के लिए रियायत के प्रावधान इसे कुछ हद तक संतुलित करते हैं।