✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
sojat,सोजत। पिताई ढीमडी क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर हुई बुजुर्ग बुधाराम घांची की निर्मम हत्या का पुलिस ने 48 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों कुकाराम , मंगलाराम , को गिरफ्तार किया है।
घटना का विवरण:
पुलिस उप अधीक्षक अनिल सारण ने बताया कि 29 नवंबर को चामडियाक रोड स्थित पिताई ढीमडी में एक वृद्ध व्यक्ति का शव मिलने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव को कब्जे में लिया और घटनास्थल की वीडियोग्राफी के साथ भौतिक साक्ष्य जुटाए। मृतक की पहचान बुधाराम घांची (66) के रूप में हुई, जो सोजत चक प्रथम में खसरा नंबर 674 के मालिक थे।
मृतक की पत्नी मैना देवी ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उनके पति बुधाराम सुबह खेत पर गए थे। दोपहर में उनके पुत्र राजुराम ने फोन पर सूचना दी कि बुधाराम का फोन नहीं लग रहा है। जब मैना देवी और उनकी बहू खेत पर पहुंचीं, तो उन्होंने बुधाराम का शव खेत में पड़ा हुआ पाया।
परिजनों के आरोप:
मैना देवी के अनुसार, बुधाराम ने एक दिन पहले ही तहसीलदार के समक्ष रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोपियों पर जमीन हड़पने की कोशिश का आरोप लगाया था। उनका आरोप है कि कुकाराम पुत्र देवाराम, कोलाराम उर्फ जवरीलाल, मंगलाराम पुत्र लिम्बाराम, और अन्य ने मिलकर लाठी-डंडों से बुधाराम की हत्या कर दी।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने सीआई कपूराराम चौधरी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। टीम ने संभावित ठिकानों पर दबिश देकर कुकाराम और मंगलाराम को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने हत्या की वारदात को स्वीकार किया।
जांच जारी:
पुलिस अभी अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया:
यह घटना जमीन विवादों को लेकर बढ़ती हिंसा की गंभीरता को उजागर करती है। स्थानीय लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है, लेकिन वे जमीन विवादों के समाधान के लिए ठोस उपायों की मांग भी कर रहे हैं।
बुधाराम घांची की हत्या ने जमीन विवादों से उपजने वाले अपराधों की समस्या को सामने रखा है। इस घटना ने प्रशासन और समाज के लिए यह सवाल खड़ा किया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।