
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। पंचायतीराज संस्थाओं के सरपंचों ने अपने आंदोलन को फिलहाल 22 दिसंबर तक स्थगित कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया। अब 6 दिसंबर को प्रस्तावित जयपुर कूच, महापड़ाव, और अनशन नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने सरपंचों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया, जिससे सरपंच आंदोलन समाप्त करने को तैयार हो गए।
फर्जी आदेश से फैली गफलत: चुनाव तिथियों को लेकर असमंजस
इस बीच, पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव से जुड़ा एक कथित आदेश वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि चुनाव 25 जनवरी 2025 से चार चरणों में होंगे। इस आदेश में सचिव के रूप में वीरेंद्र कुमार का नाम लिखा गया है, जबकि वर्तमान में आयोग की सचिव नलिनी कठोतिया हैं।
आयोग सचिव नलिनी कठोतिया ने इस आदेश को फर्जी करार देते हुए इसका खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया, “आयोग ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है।” इस फर्जी आदेश से पंचायतीराज संस्थाओं के रिक्त पदों के कार्यकाल बढ़ने और चुनाव प्रक्रिया को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
सरपंचों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया
सरपंच लंबे समय से ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में तेजी लाने और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वार्ता के दौरान इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और समाधान निकालने का भरोसा दिलाया।
आंदोलन स्थगन से प्रदेशभर में ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के प्रभावित होने की आशंका अब समाप्त हो गई है।
आने वाले चुनाव और सरकार की रणनीति
सरपंचों का यह निर्णय सरकार और पंचायत विभाग के लिए राहतभरा है। हालांकि, वायरल फर्जी आदेश से उपजे असमंजस को दूर करने के लिए आयोग को और सक्रिय होना पड़ेगा। वहीं, पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव से पहले सरकार और सरपंचों के बीच तालमेल बना रहना आवश्यक है।