बीकानेर, राजस्थान: राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज से एक बड़ी और दुखद खबर आई है। यहां एक बम फटने से भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के उत्तरी कैंप में युद्ध अभ्यास के दौरान हुआ, जिससे पूरे इलाके में हलचल मच गई। घायल जवान को तुरंत आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। इस घटना ने सेना की सुरक्षा प्रोटोकॉल और उपकरणों की जांच को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्ध अभ्यास के दौरान एक बम अचानक फट गया। इस हादसे के दौरान मौके पर मौजूद दो जवानों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतकों और घायल जवानों का नाम अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। मृतक जवानों की शहादत ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है। घटना के बाद, सुरक्षा और सैन्य अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके को सील कर दिया और जांच शुरू कर दी है।

बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में बम फटने से दो जवान शहीद, एक घायल: सुरक्षा प्रोटोकॉल पर उठे सवाल
आत्महत्या या सुरक्षा लापरवाही?
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हुई यह घटना पहली बार नहीं है। इससे पहले भी इस रेंज में ऐसी एक घटना हो चुकी है, जब एक सैनिक की मौत हो गई थी। इन घटनाओं के कारण सुरक्षा प्रोटोकॉल और उपकरणों की जांच को लेकर सभी चिंतित हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या युद्ध अभ्यास के दौरान प्रयोग किए जा रहे उपकरण पूरी तरह से सुरक्षित हैं? क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सही तरीके से किया जा रहा है? इन सवालों के जवाब मिलना बहुत जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
सैन्य और पुलिस अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही लूणकरणसर के सीओ नरेंद्र पूनिया समेत सेना और पुलिस अधिकारियों का दल घटनास्थल पर पहुंचा। अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। इलाके को तुरंत सील कर दिया गया और फायरिंग रेंज के उपकरणों की जांच शुरू कर दी गई। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि इस घटना की विस्तृत जांच की जाएगी, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में पहले भी हुई थी दुर्घटनाएं
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हुई यह दूसरी ऐसी घटना है, जिससे सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल उठे हैं। इससे पहले, कुछ महीनों पहले, महाराज फील्ड फायरिंग रेंज में भी एक सैनिक की मौत हो गई थी, जो एक समान युद्धाभ्यास के दौरान हुआ था। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध अभ्यास के दौरान उपयोग किए जाने वाले उपकरणों और सुरक्षा उपायों की सुरक्षा को फिर से जांचने की जरूरत है।
सुरक्षा प्रोटोकॉल पर उठे सवाल
इन घटनाओं के बाद, विशेषज्ञों और सैन्य अधिकारियों के बीच एक गंभीर चर्चा शुरू हो गई है। क्या फील्ड फायरिंग रेंज के उपकरणों की सही तरीके से जांच की जा रही है? क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल को पूरी तरह से लागू किया जा रहा है? क्या युद्धाभ्यास के दौरान जवानों को सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाती है? इन सवालों का जवाब बहुत जरूरी है, क्योंकि यदि कोई लापरवाही हुई है, तो इससे भविष्य में और भी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
आगे की कार्रवाई
इस घटना के बाद, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने युद्धाभ्यास के दौरान सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने की बात की है। यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि युद्ध अभ्यास में इस्तेमाल होने वाले सभी उपकरण पूरी तरह से सुरक्षित हों और उनकी सही तरीके से जांच की जाए। इसके अलावा, सुरक्षा प्रोटोकॉल की कड़ी निगरानी की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
राजस्थान के बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हुई यह घटना सेना के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है। दो जवानों की शहादत ने सुरक्षा के सवालों को और भी जटिल बना दिया है। अधिकारियों ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि युद्धाभ्यास के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।