✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

सोजत सिटी। आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर निर्वाचन विभाग सतर्क मोड में आ चुका है। इसी कड़ी में राज्य में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को मतदाताओं की सूचियों का बारीकी से परीक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इस बाबत नगरपालिका सभागार, सोजत में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मांसिंगाराम जागिड ने बूथ लेवल अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा—
> “लोकतंत्र की मजबूत नींव बूथ लेवल अधिकारियों पर टिकी होती है। वे न केवल मतदाता सूची का चेहरा सुधारते हैं, बल्कि लोकतंत्र को जीवंत भी बनाए रखते हैं।”
🔍 23 साल बाद हो रहा विशेष पुनरीक्षण
यह विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम 23 वर्षों बाद आयोजित किया जा रहा है। पिछली बार इस तरह की प्रक्रिया वर्ष 2002 में की गई थी। उस समय की अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूची को आधार मानते हुए अब पुन: सत्यापन की प्रक्रिया की जाएगी।
👥 तीन आयु वर्गों में बांटे जाएंगे मतदाता
प्रशिक्षण में बताया गया कि मतदाताओं को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा—
1. 18 वर्ष से कम आयु के संभावित नए मतदाता
2. 18 वर्ष या उससे ऊपर के सक्रिय मतदाता
3. विलुप्त या मृतक मतदाताओं की श्रेणी
इन सभी से जुड़े नागरिकों से आवश्यक दस्तावेजों की मांग की जाएगी ताकि सूची को वास्तविकता के अधिक करीब लाया जा सके।
🧑🏫 प्रशिक्षण का संचालन दक्ष टीम द्वारा
प्रशिक्षण का संचालन दक्ष प्रशिक्षक विक्रमसिंह की देखरेख में किया गया।
प्रशिक्षकों में सुरेश बोराणा, जयकरण सिंह, श्रवण परिहार व दिनेश गोस्वामी ने BLO को हैंड्सऑन प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी।
प्रशिक्षण में भाग लेने वालों में प्रमुख रूप से:
सूर्यप्रकाश परमार
सम्पतराज पंवार
बाबूलाल सांखला
की उपस्थिति रही।
सहयोगकर्ताओं में भगवान सिंह, सत्यप्रकाश चौहान, हरिश जागिंड, सतीश गहलोत, सुमेर सिंह व कैलाश पाराशर ने सक्रिय भूमिका निभाई।
📣 चुनाव शाखा ने दी जानकारी
इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी चुनाव शाखा सोजत के मनोहर पालड़िया द्वारा दी गई। उन्होंने कहा कि समयबद्ध कार्य और पारदर्शिता ही इस पुनरीक्षण का मूल उद्देश्य है।
मतदाता सूची का यह विशेष गहन पुनरीक्षण ना केवल चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता को सुनिश्चित करेगा, बल्कि नए मतदाताओं के लोकतांत्रिक अधिकारों को भी मजबूती देगा। बूथ लेवल अधिकारियों की सक्रिय भूमिका से ही चुनावी निष्पक्षता और पारदर्शिता संभव है।
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