राजस्थान में मौसम तेजी से करवट ले रहा है और आने वाले दिनों में प्रदेश में कड़ाके की ठंड के साथ शीतलहर का प्रकोप देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, दिसंबर के अंतिम सप्ताह में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से राज्य के मौसम में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। अगले 96 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान मावठ (सर्दियों की बारिश) और ओले गिरने की संभावना जताई गई है, जिससे प्रदेश के किसानों को राहत मिल सकती है।
प्रदेश में न्यूनतम तापमान में गिरावट
राजस्थान के विभिन्न जिलों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। फतेहपुर में सबसे कम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि सीकर में 5.0 डिग्री, पिलानी में 5.4 डिग्री, गंगानगर में 6.1 डिग्री, नागौर और चूरू में 6.7 डिग्री तापमान दर्ज हुआ। कई इलाकों में सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे विजिबिलिटी प्रभावित हुई। शुष्क मौसम के बावजूद सर्दी का असर पूरे प्रदेश में महसूस किया जा रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में 23-24 दिसंबर के दौरान एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखने को मिलेगा। इससे उत्तरी और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बादल छाए रहने की संभावना है। वहीं, 25 दिसंबर से 28 दिसंबर तक एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे हल्की से मध्यम बारिश या मावठ हो सकती है।
मावठ और ओले गिरने की संभावना
इस मौसम परिवर्तन के कारण किसानों को सीजन की पहली मावठ का फायदा मिलने की संभावना है। मावठ रबी की फसलों के लिए बेहद लाभदायक होती है, खासकर गेहूं, चना और सरसों जैसी फसलों के लिए। हालांकि, ओले गिरने की संभावना भी है, जो फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। किसानों को सतर्क रहने और अपनी फसलों की सुरक्षा के उपाय करने की सलाह दी गई है।
शीतलहर का अलर्ट
मौसम विभाग ने आगामी 96 घंटों के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। राजस्थान के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में ठंड बढ़ने की संभावना है। न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित होगा। शीतलहर के दौरान बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोग विशेष सतर्कता बरतें। गर्म कपड़े पहनें और ठंडी हवाओं से बचने की कोशिश करें।
कोहरा और यातायात पर असर
राजस्थान के कई हिस्सों में सुबह के समय घने कोहरे का असर देखने को मिल रहा है। इससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ है। वाहन चालकों को सावधानी से ड्राइव करने और आवश्यक होने पर ही यात्रा करने की सलाह दी गई है।
मौसम की यह करवट क्यों महत्वपूर्ण है?
दिसंबर के आखिरी दिनों में राजस्थान में मावठ और ठंड का यह दौर प्रदेश के लिए जलवायु संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मावठ न केवल फसलों को पानी की कमी से बचाती है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता को भी सुधारती है। हालांकि, ओलों से संभावित नुकसान को देखते हुए किसानों और प्रशासन को सजग रहना होगा।