
जयपुर: राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी बंशीधर योगी को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई 10 दिसंबर को उनकी गिरफ्तारी के बाद की गई। बंशीधर योगी को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। उनके खिलाफ अपराध संख्या 288/2024 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
ACB ने किया था रंगे हाथों गिरफ्तार
बंशीधर योगी पर आरोप था कि उन्होंने डिक्री आदेश की पालना कराने के मामले में 2 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। ACB ने 10 दिसंबर को उन्हें रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद से ही उन्हें निलंबित कर दिया गया था, लेकिन अब कार्मिक विभाग (DOP) ने औपचारिक आदेश जारी कर दिया है।
नियमों के तहत निलंबन
सिविल सेवा नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी अधिकारी को हिरासत में रहने की 48 घंटे की अवधि पूरी होने पर निलंबित करने का प्रावधान है। इसी के तहत बंशीधर योगी को निलंबित किया गया।
निलंबन के दौरान मुख्यालय
निलंबन की अवधि के दौरान बंशीधर योगी का मुख्यालय कार्मिक सचिवालय (DOP) रहेगा। इस दौरान वे किसी भी प्रशासनिक कार्य या जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर सकेंगे।
प्रकरण में और क्या?
ACB ने बंशीधर योगी को डिक्री आदेश की पालना कराने के मामले में 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई ने राज्य प्रशासनिक सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है।
सरकार की सख्ती
राज्य सरकार ने इस प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर से सरकारी अधिकारियों की ईमानदारी और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बंशीधर योगी का निलंबन राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत कदम है। अब देखना यह है कि इस मामले में ACB की आगे की जांच क्या परिणाम लाती है और दोषियों को कब तक सजा मिलती है।