दिल्ली में 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। राजनीतिक दल अपने-अपने चुनावी वादों और नीतियों के साथ जनता का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) ने किरायेदारों को फ्री बिजली और पानी देने का वादा करके चुनावी मैदान में नया मुद्दा छेड़ दिया है। यह घोषणा न केवल चर्चा का विषय बनी हुई है, बल्कि इसे दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम भी माना जा रहा है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: किरायेदारों को फ्री बिजली और पानी देने का ‘आप’ का बड़ा वादा, सियासी मैदान में नई गूंज
आप की नई योजना: किरायेदारों के लिए मुफ्त सुविधाएं
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा की कि अगर आम आदमी पार्टी 2025 में फिर से सत्ता में आती है, तो किरायेदारों को मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा, “दिल्ली में हमारी सरकार ने स्थायी निवासियों को पहले ही फ्री बिजली और पानी की सुविधा देकर राहत दी है। अब हमारा अगला कदम उन लाखों किरायेदारों को इस लाभ के दायरे में लाना है, जो दिल्ली में रहते हुए इन सुविधाओं से वंचित हैं।”
केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि यह योजना विशेष रूप से मध्यम और निम्न वर्ग के किरायेदारों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। दिल्ली में पूर्वांचल समाज का बड़ा हिस्सा किरायेदार के रूप में रहता है, और यह वादा इस समाज को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है।
विपक्ष का विरोध: बीजेपी और कांग्रेस का पलटवार
आम आदमी पार्टी की इस घोषणा पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
- बीजेपी: भारतीय जनता पार्टी ने इसे ‘चुनावी स्टंट’ करार दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि “केजरीवाल सरकार केवल वादे करती है, लेकिन इन्हें पूरा करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं होती। फ्री सेवाओं की राजनीति से दिल्ली के आर्थिक संसाधन खत्म हो रहे हैं, और इस तरह की योजनाएं केवल जनता को गुमराह करने का तरीका हैं।”
- कांग्रेस: कांग्रेस ने भी इस घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को युवाओं के रोजगार और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “यह वादा केवल चुनावी माहौल बनाने का प्रयास है, जबकि दिल्ली को ठोस और दीर्घकालिक विकास की आवश्यकता है।”
किरायेदारों की राय: उम्मीदों का बढ़ता भरोसा
दिल्ली की लगभग 40% आबादी किरायेदारों के रूप में रहती है। ऐसे में यह घोषणा सीधे तौर पर एक बड़े वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है। कई किरायेदारों ने इसे अपने मासिक खर्च को कम करने वाला कदम बताया। एक किरायेदार ने कहा, “अगर यह वादा लागू होता है, तो हमारा आर्थिक बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा। यह वाकई एक सराहनीय पहल होगी।”
क्या यह बनेगा चुनावी गेम-चेंजर?
2025 के चुनाव में किरायेदारों को फ्री बिजली-पानी देने का वादा कितना असर डालेगा, यह 5 फरवरी को होने वाले मतदान के बाद ही स्पष्ट होगा। हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञ इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा मान रहे हैं, जो चुनावी समीकरणों को बदल सकता है।
चुनाव परिणाम का इंतजार
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी 2025 को घोषित किए जाएंगे। तब यह साफ होगा कि आम आदमी पार्टी की यह नई रणनीति कितनी कारगर साबित हुई। लेकिन फिलहाल, सियासी हलकों में इस वादे ने राजनीतिक बहस को गर्म कर दिया है।