By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
sojatnews.insojatnews.insojatnews.in
  • Home
  • Posts
    • Post LayoutsUnlimited
    • Gallery Layouts
    • Video Layouts
    • Post Sidebar
    • ReviewHot
      • User Rating
    • Content Features100+
    • Table of Contents
  • Bookmarks
  • Pages
    • 404 Page
    • Search Page
Search
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: भारत का पहला गणतंत्र दिवस: कौन था चीफ गेस्ट.. कहां हुई थी परेड, देश की पहली 26 जनवरी की कहानी
Share
Sign In
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
sojatnews.insojatnews.in
Search
  • Home
    • Home 1
  • Categories
  • Bookmarks
  • More Foxiz
    • Sitemap
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2024 sojatnews.in. Design by YU TECH INDIA. All Rights Reserved.
sojatnews.in > Blog > देश > भारत का पहला गणतंत्र दिवस: कौन था चीफ गेस्ट.. कहां हुई थी परेड, देश की पहली 26 जनवरी की कहानी
देश

भारत का पहला गणतंत्र दिवस: कौन था चीफ गेस्ट.. कहां हुई थी परेड, देश की पहली 26 जनवरी की कहानी

omprakashborana2004@gmail.com
Last updated: January 19, 2025 9:41 am
omprakashborana2004@gmail.com
Share
6 Min Read
SHARE

26 जनवरी 1950, भारतीय इतिहास का वह स्वर्णिम दिन जब देश ने स्वतंत्र और संप्रभु गणराज्य बनने का गौरव प्राप्त किया। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ और देश ने अपने पहले गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया। यह पल न केवल भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूत करता है, बल्कि प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व और उत्साह का प्रतीक बन गया। आइए, जानते हैं इस ऐतिहासिक दिन से जुड़ी खास बातें, पहले गणतंत्र दिवस के आयोजन का विवरण, और इसे विशेष बनाने वाले पल।

Contents
भारत बना गणराज्य: संविधान लागू होने का ऐलानपहली गणतंत्र दिवस परेड: इरविन स्टेडियम से शुरुआतपरेड का भव्य प्रदर्शनपहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि: डॉ. सुकर्णो31 तोपों की सलामी और फ्लाईपास्ट का जादूदिल्ली की सजावट और उत्सवपहला गणतंत्र दिवस: झांकियों की गैरमौजूदगीऐतिहासिक दिन की यादें

भारत का पहला गणतंत्र दिवस: कौन था चीफ गेस्ट.. कहां हुई थी परेड, देश की पहली 26 जनवरी की कहानी

भारत बना गणराज्य: संविधान लागू होने का ऐलान

15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, भारत को एक संविधान की जरूरत थी जो इसे लोकतांत्रिक और संप्रभु गणराज्य बनाए। संविधान सभा ने लंबे परिश्रम के बाद संविधान का निर्माण किया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। सुबह 10:18 बजे, देश के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने भारत को एक संप्रभु गणराज्य घोषित किया। इसके ठीक छह मिनट बाद, डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह ऐतिहासिक शपथग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में संपन्न हुआ।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 21 तोपों की सलामी दी गई। यह परंपरा आज भी हर गणतंत्र दिवस समारोह का अभिन्न हिस्सा है।

पहली गणतंत्र दिवस परेड: इरविन स्टेडियम से शुरुआत

पहला गणतंत्र दिवस समारोह दिल्ली के इरविन स्टेडियम (आज का नेशनल स्टेडियम) में आयोजित हुआ। इस स्टेडियम के चारों ओर चहारदीवारी नहीं थी, जिससे पुराना किला स्पष्ट नजर आता था। यह परेड सुबह के बजाय दोपहर 2:30 बजे शुरू हुई। इस विशेष अवसर पर राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक भव्य बग्घी में सवार होकर कनॉट प्लेस से होते हुए इरविन स्टेडियम पहुंचे। दोपहर 3:45 बजे वे वहां पहुंचे और तिरंगा फहराकर परेड की सलामी ली।

परेड का भव्य प्रदर्शन

पहले गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय सेना के तीनों अंग—थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने हिस्सा लिया। इस परेड में 3,000 जवानों ने हिस्सा लिया, और 100 विमानों ने फ्लाईपास्ट कर भव्यता को बढ़ाया। डकोटा और स्पिटफ़ायर जैसे ऐतिहासिक विमानों ने आसमान में अपने करतब दिखाए। इस परेड में भारत के पहले फील्ड मार्शल, जनरल करियप्पा ने भी भाग लिया। उन्होंने अपने जोशीले संबोधन में कहा, “आज हम भी आजाद, तुम भी आजाद, और हमारा कुत्ता भी आजाद।” यह कथन उस समय हर भारतीय के दिल में गर्व और उमंग भरने वाला साबित हुआ।

पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि: डॉ. सुकर्णो

पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णो थे। गणतंत्र दिवस समारोह में विदेशी अतिथियों को आमंत्रित करने की परंपरा यहीं से शुरू हुई। डॉ. सुकर्णो ने भारतीयों के उत्साह और गर्मजोशी की सराहना की।

31 तोपों की सलामी और फ्लाईपास्ट का जादू

पहली बार गणतंत्र दिवस पर 31 तोपों की सलामी दी गई, जिससे पूरा इरविन स्टेडियम और दिल्ली शहर गूंज उठा। बाद के वर्षों में इसे घटाकर 21 तोपों की सलामी कर दिया गया। फ्लाईपास्ट के दौरान विमानों ने अद्भुत प्रदर्शन किया, जिसने लोगों को रोमांचित कर दिया।

दिल्ली की सजावट और उत्सव

दिल्ली शहर ने इस दिन को अद्वितीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। चांदनी चौक के घंटेवाला हलवाई ने पूरे इलाके में मिठाइयां बांटी। लाल मंदिर से लेकर फतेहपुरी मस्जिद तक पूरा क्षेत्र तिरंगे और फूलों से सजाया गया। शीश गंज गुरुद्वारा और बंगला साहिब में विशेष लंगर का आयोजन हुआ। पूरा शहर उत्सव और गर्व की भावना से सराबोर था।

पहला गणतंत्र दिवस: झांकियों की गैरमौजूदगी

हालांकि, 1950 की परेड में आज की तरह भव्य झांकियां नहीं थीं, लेकिन सेना की टुकड़ियों ने अपने अनुशासन और पराक्रम से इसे खास बनाया। इस दिन का मुख्य आकर्षण भारतीय सेना का प्रदर्शन और फ्लाईपास्ट था। इसके बाद के वर्षों में झांकियां, लोक नृत्य और आतिशबाजी गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा बने।

ऐतिहासिक दिन की यादें

पहला गणतंत्र दिवस सिर्फ एक समारोह नहीं था; यह भारत के गणराज्य बनने का उत्सव था। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक है, जिसने लोकतंत्र और स्वतंत्रता की भावना को और मजबूत किया। उस ऐतिहासिक पल की यादें आज भी हर भारतीय को प्रेरणा देती हैं और हमारे राष्ट्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धता की याद दिलाती हैं।

भारत का पहला गणतंत्र दिवस न केवल एक नई शुरुआत थी, बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक और संप्रभुता के सपने को साकार करने का भी दिन था।

Sojatnews.in

You Might Also Like

अब हज सिर्फ़ 20 दिन में — 2026 से शुरू होगा मिनी हज! बुजुर्गों और व्यस्त श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत

ऐतिहासिक वापसी: भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने परिवार से की भावुक मुलाकात, शेयर की पहली तस्वीरें।

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना 2025-26 शुरू: 60 साल से अधिक आयु के गैर-आयकरदाता वरिष्ठजन 18 जुलाई से 10 अगस्त तक करें आवेदन, सरकार कराएगी निशुल्क पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्रा

सोने की झाड़ू से राजा ने साफ किया भगवान जगन्नाथ का रास्ता, लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में निकली भव्य रथ यात्रा, मौसी के घर हुए विराजमान

व्हाट्सएप को अमेरिका से तगड़ा झटका! सरकारी डिवाइसों पर बैन, साइबर सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी बना कारण

Sign Up For Daily Newsletter

Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.
[mc4wp_form]
By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article अजमेर में भिखारी के हाथ में iPhone 16 Pro Max, 1.70 लाख का फोन खरीदकर मचाया हड़कंप, वीडियो वायरल
Next Article नाइजीरिया में ईंधन टैंकर विस्फोट: 70 लोगों की मौत, कई घायल
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

235.3kFollowersLike
69.1kFollowersFollow
11.6kFollowersPin
56.4kFollowersFollow
136kSubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

बुथ लेवल अधिकारी लोकतंत्र की रीढ़ : निर्वाचन अधिकारी जागिड
राजनीति राजस्थान सोजत July 28, 2025
सोजत में “हरियालो राजस्थान – एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित।
सोजत July 28, 2025
बुथ लेवल अधिकारी लोकतंत्र की महत्वपूर्ण कडी : जागिड
सोजत July 28, 2025
सोजत: बुटेलाव गांव में बिजली की डिम वोल्टेज से परेशान ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के खिलाफ किया प्रदर्शन,कार्यालय का मैन गेट किया बंद।
सोजत July 28, 2025

“Sojat News” एक अग्रणी हिंदी न्यूज़ वेबसाइट है जो आपको देता है हर महत्वपूर्ण खबर का सटीक और त्वरित अपडेट। राजनीति, व्यापार, खेल, मनोरंजन, विज्ञान और टेक्नोलॉजी से लेकर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय समाचार तक, हम आपके लिए हर विषय पर गहरी जानकारी और विश्लेषण लाते हैं।

Sojat News पर आपको मिलती है हर घटना की पूरी तस्वीर और निष्पक्ष रिपोर्टिंग। हमारा उद्देश्य है कि आप हर रोज़ विश्वसनीय, तथ्य-आधारित और व्यापक समाचार प्राप्त करें ताकि आप रहें हमेशा एक कदम आगे।

Categories

Quick Link

  • YU TECH INDIA
  • Newsletters

Sign Up for Our Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

[mc4wp_form id=”847″]

sojatnews.insojatnews.in
© 2024 sojatnews.in, Design by YU TECH INDIA. All Rights Reserved.
  • Advertise
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?