जोधपुर। पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्नोई समाज और पर्यावरण प्रेमियों ने 19 जनवरी को जोधपुर बंद का आह्वान किया। इस बंद का असर जोधपुर में व्यापक रूप से देखने को मिला। दुकानें, बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि बड़ी संख्या में लोगों ने रैली में भाग लिया। रैली के दौरान जहां पर्यावरण बचाने के नारे गूंजे, वहीं लॉरेंस विश्नोई के समर्थन में भी आवाजें उठीं।
पेड़ों की कटाई के खिलाफ आंदोलन
विश्नोई समाज लंबे समय से पेड़ों की कटाई के खिलाफ आवाज उठा रहा है। इस आंदोलन का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और पेड़ों को बचाने के प्रति जागरूकता फैलाना है। विश्नोई समाज ने धरने और प्रदर्शन के माध्यम से सरकार और जनता का ध्यान इस ओर खींचने का प्रयास किया। यह आंदोलन 182 दिनों से जारी है और अब इसका प्रभाव पूरे जोधपुर में दिखाई दे रहा है।
लॉरेंस विश्नोई के समर्थन में नारे
बंद के दौरान रैली में लॉरेंस विश्नोई के समर्थन में नारे लगाए गए। विश्नोई समाज का मानना है कि लॉरेंस विश्नोई पर्यावरण संरक्षण और समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनीतिक समर्थन भी मिला
शिव क्षेत्र के निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी ने इस बंद का समर्थन किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,
“पर्यावरण हमारी सबसे अनमोल धरोहर है। इसे सुरक्षित रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। जोधपुर बंद पर्यावरण संरक्षण की सामूहिक चेतना जगाने का प्रयास है।”
इसके साथ ही, जोधपुर युवा कांग्रेस अध्यक्ष पुखराज दिवरिया के नाम से चिट्ठी वायरल हुई, जिसमें व्यापारियों से बंद का समर्थन करने की अपील की गई।
विश्नोई समाज का ऐतिहासिक संघर्ष
विश्नोई समाज का पर्यावरण संरक्षण में योगदान ऐतिहासिक रहा है। 18वीं शताब्दी में समाज ने पेड़ों को बचाने के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर दी थी। इस आंदोलन को आज भी याद किया जाता है और यह समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
जोधपुर बंद का असर
बंद के कारण शहर के बाजार और व्यापारिक गतिविधियां ठप रहीं। लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया।
आंदोलन जारी रहेगा
विश्नोई समाज ने स्पष्ट किया है कि जब तक पेड़ों की कटाई नहीं रुकती और पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
जोधपुर बंद ने यह संदेश दिया है कि पर्यावरण संरक्षण हर नागरिक की जिम्मेदारी है। विश्नोई समाज की यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।