✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
ओटावा: भारतीय मूल के नेपियन सांसद चंद्र आर्य ने आधिकारिक रूप से कनाडा के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होकर इतिहास रच दिया है। कर्नाटक के तुमकुर जिले के निवासी चंद्र आर्य ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपना नामांकन-पत्र दाखिल किया और इस अवसर पर संसद को संबोधित किया।
धारवाड़ से कनाडा तक का सफर
चंद्र आर्य का जन्म कर्नाटक के तुमकुर जिले में हुआ। उन्होंने धारवाड़ विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने करियर को नई दिशा देने के लिए कनाडा का रुख किया। वहां अपने कड़ी मेहनत और नेतृत्व क्षमता के बल पर उन्होंने नेपियन निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में पहचान बनाई।
सदन में भावुक संबोधन
नामांकन दाखिल करने के बाद सदन को संबोधित करते हुए चंद्र आर्य ने कहा, “मैं भारत और कनाडा दोनों की संस्कृति को साथ लेकर चलता हूं। मेरा उद्देश्य दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करना और कनाडा के नागरिकों की भलाई के लिए काम करना है।” उनके इस संबोधन को सदन के सदस्यों ने जोरदार तालियों से सराहा।
प्रधानमंत्री पद की दौड़ में पहली बार भारतीय मूल का नेता
कनाडा की राजनीति में यह पहली बार है जब भारतीय मूल का कोई नेता प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हुआ है। चंद्र आर्य के इस कदम को प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण माना जा रहा है। उनकी उम्मीदवारी न केवल भारतीय मूल के कनाडाई नागरिकों बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए प्रेरणा बन रही है।
चंद्र आर्य की उपलब्धियां
चंद्र आर्य ने सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। उन्होंने सामाजिक समानता, आर्थिक विकास, और प्रवासी समुदायों के अधिकारों के लिए सक्रिय भूमिका निभाई।
कनाडा में भारतीय समुदाय में खुशी की लहर
चंद्र आर्य के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने की खबर से कनाडा में भारतीय समुदाय के बीच उत्साह का माहौल है। कई लोगों ने इसे भारतीय मूल के लोगों की मेहनत और समर्पण का प्रतीक बताया है।
चुनाव की प्रक्रिया और संभावनाएं
कनाडा में आगामी चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। चंद्र आर्य की उम्मीदवारी ने इस बार के चुनाव को और रोमांचक बना दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चंद्र आर्य अपनी कार्यक्षमता और दूरदृष्टि के दम पर कनाडा की राजनीति में नया इतिहास रच सकते हैं।