✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। राजस्थान की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज हो गई है। 24 जनवरी को प्रस्तावित मंत्रीमंडल फेरबदल को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सभी विधायकों को जयपुर में उपस्थित रहने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, जयपुर से बाहर रहने वाले भाजपा विधायकों को 23 जनवरी तक जयपुर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
सिवाना और चौहटन आए चर्चा में
मंत्रीमंडल फेरबदल की चर्चाओं के बीच बाड़मेर जिले के सिवाना और चौहटन क्षेत्र भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। जानकारों का मानना है कि इन क्षेत्रों से किसी नए चेहरे को मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। इन क्षेत्रों में भाजपा का मजबूत जनाधार और राजनीतिक समीकरण बदलाव की मुख्य वजह माने जा रहे हैं।
विधायकों की गतिविधियों पर नजर
भाजपा नेतृत्व ने सभी विधायकों को विशेष हिदायत दी है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट तैयार कर जयपुर आएं। पार्टी ने जयपुर में संभावित बैठकों और निर्णयों को लेकर सभी विधायकों की सक्रियता बढ़ा दी है।
मंत्रीमंडल फेरबदल के राजनीतिक मायने
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा प्रदेश नेतृत्व मंत्रीमंडल में फेरबदल करने जा रहा है। इससे पार्टी को नए क्षेत्रों में समर्थन बढ़ाने और जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाने में मदद मिल सकती है।
भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्सुकता
इस संभावित फेरबदल को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच उत्सुकता का माहौल है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि नए मंत्रीमंडल में कौन-कौन से नेता शामिल होंगे और किन नेताओं को संगठन के स्तर पर नई जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
जयपुर में भाजपा के सभी विधायक एकत्र हो रहे हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि 24 जनवरी को बड़ा राजनीतिक फैसला लिया जा सकता है। मंत्रीमंडल फेरबदल का यह कदम आगामी चुनावी रणनीति को धार देने का प्रयास माना जा रहा है।