प्रतापगढ़। जिले के देवगढ़ थाना क्षेत्र में एक युवती का शव पेड़ से लटका मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। मृतका की पहचान 30 वर्षीय कल्पना मीणा के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है। इस घटना के बाद से गांव में मातम छाया हुआ है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
बुआ के घर से लौटते समय लापता हुई थी युवती
जानकारी के मुताबिक, कल्पना मीणा कल सुबह अपने घर से परपटिया गांव स्थित अपनी बुआ के घर गई थी। दोपहर के समय वह वापस देवगढ़ के लिए निकली, लेकिन घर नहीं पहुंची। जब देर शाम तक वह घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, मगर कोई जानकारी नहीं मिली। अगले दिन सुबह गांव के सरपंच ने पुलिस को सूचना दी कि शामली पठार भेरुजी के पास एक पेड़ पर किसी युवती का शव लटका हुआ है।
सूचना मिलते ही देवगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारा। प्रारंभिक जांच में मृतका की पहचान कल्पना मीणा के रूप में हुई। पुलिस ने तुरंत परिजनों को सूचना दी और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया।

पेड़ से लटका मिला युवती का शव, बुआ के घर से लौटते समय हुई अनहोनी
परिजनों और गांववालों में शोक की लहर
कल्पना मीणा के शव मिलने की खबर से गांव में मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने बताया कि कल्पना ने ऐसा कदम क्यों उठाया, इसका उन्हें कोई अंदाजा नहीं है। पूरे गांव में इस घटना से भय और दुख का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में पहले कभी ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी, जिससे सभी लोग सकते में हैं।
पुलिस जांच में जुटी, आत्महत्या या हत्या की आशंका
पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। हालांकि, प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन पुलिस किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रही है। शव को जिस दुपट्टे से फंदे से लटकाया गया था, उसकी भी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।
देवगढ़ थाना अधिकारी मिश्रीलाल चौहान ने बताया कि मामले में हर पहलू से जांच की जा रही है। परिजनों और मृतका के करीबी लोगों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कहीं कोई अप्रिय घटना तो नहीं हुई थी, जिसकी वजह से कल्पना ने यह कदम उठाया।
समाज में जागरूकता की जरूरत
इस घटना के बाद से पूरे गांव में भय का माहौल है और लोग सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज में जागरूकता लाने की जरूरत है। मानसिक तनाव और अवसाद से पीड़ित लोगों को उचित परामर्श मिलना चाहिए ताकि वे आत्महत्या जैसे कदम न उठाएं।
सरकार और प्रशासन से मांग
गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए और यदि इसमें कोई साजिश या अपराध शामिल हो, तो दोषियों को सख्त सजा दी जाए। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन से यह भी अपील की गई है कि वे लोगों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता प्रदान करें और आत्महत्या रोकथाम के लिए उचित कदम उठाएं।