नई दिल्ली | वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
भारत में शराब का सेवन हमेशा से एक संवेदनशील विषय रहा है। आमतौर पर, पुरुषों में शराब पीने की प्रवृत्ति अधिक देखी जाती है, लेकिन हाल के वर्षों में महिलाओं में भी इसका चलन बढ़ा है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में महिलाओं के शराब सेवन से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
कौन-से राज्य हैं शीर्ष पर?
राष्ट्रीय औसत के अनुसार, भारत में 15 से 49 वर्ष की महिलाओं में से केवल 1.2% महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। हालांकि, कुछ राज्यों में यह प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है।
1. असम – 16.5%
असम में महिलाओं द्वारा शराब पीने का प्रतिशत 16.5% है, जो इसे देश में पहले स्थान पर रखता है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से कई गुना अधिक है।
2. मेघालय – 8.7%
पूर्वोत्तर भारत के इस राज्य में 8.7% महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। यह राज्य महिलाओं के शराब सेवन में दूसरे स्थान पर आता है।
3. अरुणाचल प्रदेश – 3.3%
अरुणाचल प्रदेश की 3.3% महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, जिससे यह तीसरे स्थान पर आता है।
4. सिक्किम – 0.3%
इस छोटे से हिमालयी राज्य में 0.3% महिलाएं शराब पीती हैं। हालांकि यह आंकड़ा कम है, लेकिन यह दर्शाता है कि यहां भी महिलाओं में शराब सेवन की प्रवृत्ति मौजूद है।
5. छत्तीसगढ़ – 0.2%
मध्य भारत के इस राज्य में 0.2% महिलाएं शराब का सेवन करती हैं।
पुरुषों की स्थिति क्या है?
जहां तक पुरुषों की बात है, तो पुरुषों में शराब सेवन का प्रतिशत महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक है। अरुणाचल प्रदेश में 15 से 49 वर्ष के 59% पुरुष शराब का सेवन करते हैं, जो पूरे देश में सबसे अधिक है।
महिलाओं में शराब सेवन के बढ़ते कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं के शराब पीने की बढ़ती प्रवृत्ति के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव – आधुनिक जीवनशैली में बदलाव के कारण महिलाएं भी पुरुषों की तरह कई सामाजिक गतिविधियों में भाग ले रही हैं, जिसमें शराब सेवन भी शामिल है।
- पारिवारिक और मानसिक दबाव – कई महिलाएं मानसिक तनाव और पारिवारिक दबाव के कारण शराब की ओर आकर्षित हो रही हैं।
- आर्थिक स्वतंत्रता – महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता ने भी उनके शराब सेवन में वृद्धि की है।
- मीडिया और विज्ञापन – शराब कंपनियों द्वारा किए जा रहे विज्ञापन और फिल्मों में शराब सेवन को ‘आधुनिकता’ से जोड़ना भी एक बड़ा कारण हो सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में शराब का बढ़ता सेवन चिंता का विषय है, क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। अधिक शराब सेवन से लिवर डैमेज, हृदय रोग, अवसाद और कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पूर्वोत्तर राज्यों में महिलाओं के बीच शराब सेवन का प्रतिशत अधिक है। यह प्रवृत्ति भारत के अन्य हिस्सों की तुलना में अलग है, और इसके पीछे सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक कारण हो सकते हैं।
सरकार और समाज को मिलकर इस प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे, ताकि महिलाओं को शराब के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके और एक स्वस्थ समाज की स्थापना हो सके।