जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बद्री नारायण को मिला महाकवि कन्हैयालाल सेठिया कविता सम्मान
महाकवि कन्हैया लाल सेठिया जी की कविता एक प्रकाश पुंज की तरह है : जयप्रकाश सेठिया

रिपोर्ट वरिष्ठ बाल साहित्यकार पवन पहाड़िया डेह, नागौर
डेह / जयपुर, 1 फरवरी 2025 – साहित्य और कविता के सम्मान का प्रतीक बन चुका महाकवि कन्हैया लाल सेठिया कविता पुरस्कार के 10वें संस्करण में प्रसिद्ध कवि बद्रीनारायण को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) 2025 के दौरान आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।
इस वर्ष के सम्मानजनक जूरी पैनल में साहित्य और कला जगत की जानी-मानी हस्तियां शामिल थीं – संजोय रॉय, जयप्रकाश सेठिया, नमिता गोखले, रंजीत होस्कोटे और सिद्धार्थ सेठिया। जूरी ने कई उत्कृष्ट काव्य संग्रहों की समीक्षा के बाद बद्री नारायण को विजेता घोषित किया।
महाकवि कन्हैयालाल सेठिया फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी श्रीमान जयप्रकाश जी सेठिया ने स्वागत वक्तव्य दिया। साहित्य के इस महाकुंभ में उन्होंने मंच पर आसीन सभी का स्वागत किया और कहा महाकवि सेठिया जी की कविता एक प्रकाश पुंज की तरह है, कविता मानवीय संवेदनाओं की गूढतम अभिव्यक्ति है, कविता आत्मा की आवाज है, उन्होंने बताया सेठिया जी शब्दों के जादूगर थे और उनकी हर कविता पाठक को दिशा देने वाली है भावनाओं की गंभीर अभिव्यक्ति है सेठिया जी का श्रृजन कई युगों युगों तक दिशा देने वाला है ।पुरस्कार देने के पीछे महाकवि कन्हैयालाल सेठिया फाउंडेशन का उद्देश्य है कि उच्च कोटि के लेखकों को , समर्पित है यह सम्मान है।
उन्होंने आगे बताया श्री बद्री नारायण जी एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी है जिन्होंने साहित्य पत्रकारिता और दलित उत्थान के लिए सतत कार्य किया है यह फाउंडेशन के लिए गर्व की बात है कि महाकवि ने भी अपना सारा जीवन साहित्य और समाज सेवा दलित उत्थान के लिए समर्पित किया है।
पुरस्कार समारोह की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लेखिका, भरतीय दर्शन की विद्वान और समाजसेवी सुधा मूर्ति जी रहीं। उन्होंने बद्री नारायण को सम्मानित करते हुए कहा, “कविता केवल शब्दों का मेल नहीं, बल्कि समाज की संवेदनाओं और सत्य का दर्पण होती है। बद्री नारायण जी की कविताएं विचारों को झकझोरती हैं और मानवीय भावनाओं को गहराई से छूती हैं। यह पुरस्कार उनके साहित्यिक योगदान के लिए एक सच्चा सम्मान है।”श्री
बद्री नारायण ने इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, “महाकवि कन्हैया लाल सेठिया का नाम हिंदी साहित्य में अमर है। उनकी स्मृति में यह पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए गर्व और भावनात्मक प्रेरणा का क्षण है। कविता केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण और परिवर्तन का माध्यम भी है।”
पिछले दस वर्षों में महाकवि कन्हैया लाल सेठिया कविता पुरस्कार भारतीय साहित्य में एक प्रतिष्ठित पहचान बन चुका है। यह पुरस्कार उन कवियों को सम्मानित करता है जो अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में गहरी छाप छोड़ते हैं।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 इस बार भी साहित्य, संस्कृति और संवाद का वैश्विक मंच बना, जहां दुनिया भर के लेखक, कवि और विचारक साहित्य की नई दिशाओं और संभावनाओं पर विमर्श कर रहे हैं।