✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली। देश की राजधानी के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को मची भगदड़ ने भयावह रूप ले लिया। इस हादसे में 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें तीन मासूम बच्चे भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि भगदड़ में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हजारों श्रद्धालु महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के इंतजार में थे। प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और अफरा-तफरी मच गई। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, भगदड़ की वजह किसी अफवाह या ट्रेन के अचानक प्लेटफॉर्म बदलने के कारण हुई।
कुछ लोगों ने बताया कि टिकट और सीट के लिए अफरातफरी मची हुई थी, वहीं, कुछ यात्रियों का कहना है कि रेलवे की ओर से सही दिशा-निर्देश नहीं मिलने के कारण लोग इधर-उधर भागने लगे। अचानक धक्का-मुक्की बढ़ गई और कई लोग फिसलकर नीचे गिर गए।
एक घंटे तक दबे रहे लोग
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भगदड़ में कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए, जिससे कई लोग दम घुटने की वजह से बेहोश हो गए। करीब एक घंटे तक लोग दबे रहे, लेकिन मौके पर राहत कार्य देर से शुरू हुआ।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया,
“मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ प्लेटफॉर्म पर था, अचानक भीड़ में जोरदार धक्का लगा और हम नीचे गिर पड़े। मेरी गोद में बैठी बेटी भीड़ में दब गई और मैं उसे बचा नहीं पाया।”
घटनास्थल पर मचा हड़कंप
घटना के तुरंत बाद, रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल बन गया। पुलिस और रेलवे प्रशासन मौके पर पहुंचा, लेकिन प्रारंभिक राहत कार्य देर से शुरू हुआ, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। घायलों को तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मृतकों की पहचान जारी, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
अब तक 18 मृतकों की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन कई शवों की पहचान अभी बाकी है। तीन मासूम बच्चों की भी मौत हो गई, जिससे हर कोई स्तब्ध है। रेलवे प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है, लेकिन गुस्साए परिजन रेलवे की लापरवाही पर नाराजगी जता रहे हैं।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक संवेदना व्यक्त की और घायलों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
रेलवे प्रशासन पर उठे सवाल
इस हादसे के बाद रेलवे की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर रेलवे प्रशासन भीड़ को सही तरीके से संभालता, तो यह हादसा टल सकता था।
मुआवजा घोषित
रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है। वहीं, मामूली रूप से घायल यात्रियों को 50 हजार रुपये की मदद दी जाएगी।
क्या है आगे की योजना?
रेलवे प्रशासन अब स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए नई रणनीति बनाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत,
- अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती
- भीड़ नियंत्रण के लिए स्पीकर अनाउंसमेंट
- ट्रेन के समय और प्लेटफॉर्म नंबर की सटीक जानकारी
जैसे कदम उठाए जाएंगे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुआ यह हादसा एक बार फिर यह दिखाता है कि भीड़ प्रबंधन की लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी को जन्म दे सकती है। श्रद्धालुओं की जान बच सकती थी, अगर समय रहते उचित व्यवस्थाएँ की जातीं। अब देखना यह है कि सरकार और रेलवे प्रशासन इस घटना से क्या सबक लेते हैं और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।