✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली: क्या आपको पेशाब में बार-बार झाग नजर आता है? अगर हां, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। पेशाब में झाग आने का मतलब कई बार शरीर में किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। खासतौर पर, यह किडनी की खराबी, डायबिटीज, डिहाइड्रेशन या यूरिन इंफेक्शन जैसी समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह समस्या क्यों होती है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।
पेशाब में झाग बनने की प्रक्रिया क्या है?
हमारे शरीर में जब पानी जाता है, तो वह रक्त में अवशोषित होकर किडनी द्वारा छाना जाता है। किडनी का मुख्य काम शरीर से टॉक्सिन्स और अपशिष्ट पदार्थों को छानकर पेशाब के जरिए बाहर निकालना होता है। लेकिन जब किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, तो पेशाब में प्रोटीन का रिसाव होने लगता है, जिससे झाग बनता है। इसे मेडिकल भाषा में प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है।
पेशाब में झाग आने के संभावित कारण
- किडनी संबंधी समस्या: जब किडनी ठीक से फ़िल्टरिंग नहीं कर पाती, तो पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे झाग बनने लगता है।
- डिहाइड्रेशन (पानी की कमी): शरीर में पर्याप्त पानी न होने से पेशाब गाढ़ा हो जाता है और उसमें झाग बनने की संभावना बढ़ जाती है।
- डायबिटीज: अगर शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो पेशाब में शुगर और प्रोटीन की अधिकता के कारण झाग बनने लगता है।
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI): बैक्टीरिया के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण हो सकता है, जिससे पेशाब में झाग या बुलबुले दिख सकते हैं।
- प्रोटीन युक्त आहार: मांस, अंडा या प्रोटीन सप्लीमेंट अधिक मात्रा में लेने से पेशाब में झाग आ सकता है।
- लंबे समय तक पेशाब रोकना: पेशाब को देर तक रोकने से उसमें झाग बनने की संभावना बढ़ जाती है।
- गर्भावस्था और हार्मोनल असंतुलन: महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
पेशाब में झाग के साथ अन्य लक्षण
अगर पेशाब में झाग के साथ नीचे दिए गए लक्षण भी नजर आएं, तो