जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर जिले में एक रिश्वतखोर बैंक मैनेजर को सीबीआई ने रंगेहाथ पकड़ लिया। बैंक मैनेजर 4 लाख के केसीसी लोन (किसान क्रेडिट कार्ड) के बदले किसान से 5% कमीशन यानी 20 हजार रुपए की मांग कर रहा था। जब उसने 15 हजार रुपए की पहली किश्त ली, तभी सीबीआई ने ट्रैप कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
कार्रवाई के दौरान बैंक मैनेजर की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद टीम ने उसे अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे वापस बैंक लाया गया और आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई।
कैसे हुआ खुलासा?
मामला जोधपुर जिले की बापिणी तहसील के रायमलवाड़ा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा का है। बैंक मैनेजर विवेक कच्छवाहा (निवासी मंडोर, नागौरी) के खिलाफ ओसियां के थोब भाखरों की ढाणी निवासी किसान ढलाराम मेघवाल ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी।
किसान से मांगी थी रिश्वत
ढलाराम ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे खेतीबाड़ी के लिए 4 लाख का लोन चाहिए था। इसके लिए वह डेढ़ महीने पहले अपने भाई खुशालाराम के साथ बैंक गया, जहां मैनेजर ने लोन की फाइल ली और प्रोसेसिंग शुरू की।
विजिट के नाम पर पहले ही ले चुका था 2500 रुपए
7 जनवरी 2025 को मैनेजर विवेक कच्छवाहा ने ढलाराम को फोन कर खेत पर विजिट करने की बात कही। जब वह खेत पर पहुंचा, तो उसने 2500 रुपए विजिट शुल्क के नाम पर ले लिए।
इसके बाद उसने कहा कि लोन मंजूर कर दूंगा, लेकिन 5% कमीशन के 20 हजार रुपए देने होंगे। किसान ने गरीबी का हवाला देकर रिश्वत देने से मना किया, लेकिन मैनेजर अड़ा रहा।
लोन रोकने की दी धमकी
13 फरवरी को जब किसान लोन की प्रक्रिया जानने फिर बैंक पहुंचा, तो मैनेजर ने फिर से 5% कमीशन की शर्त दोहराई। मजबूरी में किसान ने हामी भर दी, जिसके बाद कच्छवाहा ने फाइल आगे बढ़ाई।
15 फरवरी को मैनेजर ने फिर से किसान को फोन कर रिश्वत के पैसे देने का दबाव बनाया। उसने कहा कि जब तक 20 हजार रुपए नहीं मिलेंगे, तब तक लोन की रकम खाते में ट्रांसफर नहीं होगी।
सीबीआई ने ट्रैप किया, मैनेजर की बिगड़ी तबीयत
सीबीआई ने शिकायत का सत्यापन किया और जब रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई, तो ट्रैप प्लान किया गया। सोमवार दोपहर करीब 2 बजे, जैसे ही किसान ने बैंक मैनेजर को 15 हजार रुपए दिए, सीबीआई की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के दौरान ही मैनेजर की तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे वापस बैंक लाया गया।
अब आगे क्या?
सीबीआई ने बैंक मैनेजर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। अब मामले की आगे की जांच जारी है।