✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत। सोजत नगर और आसपास के गांवों में गुरुवार रात को परंपरागत उल्लास और भक्ति भाव के साथ होलिका दहन संपन्न हुआ। शुभ मुहूर्त रात 11:30 बजे था, जिसमें हर मोहल्ले और गांव में श्रद्धालुओं ने अग्नि को साक्षी मानकर होली दहन किया। इस बार विशेष रूप से प्रह्लाद का पुतला भी होलिका में रखा गया, जिससे यह धार्मिक आयोजन और भी पवित्र और रोचक बन गया।
दहन से पूर्व महिलाओं और युवतियों ने होली माता की पूजा-अर्चना की, मंगल गीत गाए और सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर जगह-जगह रंग-बिरंगी रंगोली बनाई गई और “हैप्पी होली” की आकृति उकेरी गई।
भद्राकाल के कारण देर रात हुआ दहन
गुरुवार को होलिका दहन के लिए दिन में भद्राकाल होने से इसे रात 11:30 बजे के बाद संपन्न किया गया। इससे पहले, महिलाएं सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में मंगल गीत गाती हुईं होलिका स्थल पर पहुंचीं और विधिपूर्वक पूजा की।
महिलाओं ने की विशेष पूजा, नवविवाहित जोड़ियों ने धोक लगाई
शाम होते ही महिलाओं और नवविवाहित जोड़ियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार होलिका की विशेष पूजा की। महिलाओं ने गोबर के बड़कुले, चांद-सितारे और नारियल अर्पित किए। साथ ही हरिनाम संकीर्तन कर परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की।
दहन के बाद श्रद्धालुओं ने लगाई परिक्रमा
जैसे ही होलिका दहन हुआ, श्रद्धालु अग्नि के चारों ओर परिक्रमा लगाकर भगवान से मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करने लगे। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए धूलंडी के रंग में रंगी नजर आईं।
आतिशबाजी और फिल्मी गीतों की धूम
होलिका दहन के साथ ही पूरे शहर में आतिशबाजी का नज़ारा देखने को मिला। रंग-बिरंगे पटाखों से आसमान जगमगा उठा। इस दौरान डीजे की धुनों पर युवाओं, महिलाओं और बच्चों ने जमकर डांस किया। गुलाल और अबीर उड़ाकर होली के रंग में सराबोर हुए।
धूलंडी पर भी जारी रहेगा जश्न
शुक्रवार को धूलंडी पर पूरे सोजत में रामा-श्यामा सभाओं का आयोजन किया जाएगा, जहां लोग एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देंगे। विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
सोजत में होली का यह उल्लास धार्मिक आस्था और आनंद का अनूठा संगम बना, जहां पूरे नगर और ग्रामीण इलाकों में होलिका की लपटों के साथ बुराई का अंत और भलाई की जीत का संदेश गूंजता रहा।