महाराष्ट्र सरकार ने किया बड़ा ऐलान, अब केवल गरीब महिलाओं को मिलेगा लाभ
महाराष्ट्र की बहुचर्चित ‘लाडकी बहिन योजना’ को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना बंद नहीं होगी, लेकिन इसमें सुधार किया जाएगा। अब इस योजना का लाभ केवल आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को मिलेगा। सरकार का कहना है कि जल्दबाजी और भ्रम के कारण कुछ ऐसी महिलाएं भी लाभार्थी बन गई थीं, जो इस योजना के लिए योग्य नहीं थीं। ऐसे में अब योजना को सुधारकर केवल जरूरतमंद महिलाओं तक सीमित किया जाएगा।

इन महिलाओं के लिए बंद होगी ‘लाडकी बहिन योजना’! नहीं मिलेगा एक भी पैसा, जानें सरकार ने क्यों लिया बड़ा फैसला
क्या है ‘लाडकी बहिन योजना’ और क्यों हो रहा विवाद?
‘लाडकी बहिन योजना’ महाराष्ट्र सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण सामाजिक कल्याण योजना है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत सरकार महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
हालांकि, विपक्ष ने महायुति सरकार पर आरोप लगाए हैं कि यह योजना जल्द ही बंद की जा सकती है। इसी को लेकर डिप्टी सीएम अजीत पवार ने सफाई देते हुए कहा कि योजना बंद नहीं होगी, बल्कि इसमें सुधार किया जाएगा ताकि केवल वास्तविक जरूरतमंद महिलाओं को ही लाभ मिल सके।
कौन महिलाएं होंगी बाहर?
डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि इस योजना में कुछ ऐसी महिलाएं भी शामिल हो गई थीं, जो आर्थिक रूप से मजबूत हैं। अब सरकार इसे ठीक कर रही है ताकि केवल गरीब परिवारों की महिलाओं को इसका लाभ मिल सके। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन महिलाओं को पहले ही आर्थिक सहायता दी जा चुकी है, उनसे पैसा वापस नहीं लिया जाएगा।
योजना को लेकर क्या बोले अजीत पवार?
अजीत पवार ने कहा,
“जब कोई योजना शुरू होती है, तो उसमें सुधार की आवश्यकता पड़ती है। यह योजना गरीब महिलाओं के लिए है, लेकिन कुछ महिलाओं को गलती से शामिल कर लिया गया था। अब हम इसे सही कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपील कर चुके हैं कि वे लोग जो किसी सरकारी योजना के लिए पात्र नहीं हैं, वे खुद ही इससे बाहर निकल जाएं। इसी तर्ज पर लाडकी बहिन योजना में भी सुधार किया जा रहा है।
योजना को लोन प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा
अजीत पवार ने यह भी बताया कि ‘लाडकी बहिन योजना’ को लोन प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा। इसके तहत महिलाओं को 45 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। मुंबई बैंक ने घोषणा की है कि जो महिलाएं इस योजना के तहत अपना अकाउंट खोलेंगी, उन्हें 10,000 से 25,000 रुपये तक का लोन दिया जाएगा।
राजस्व घाटे और कर्ज पर क्या बोले उपमुख्यमंत्री?
महाराष्ट्र सरकार पर 9.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज और 45,892 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा है। इसे लेकर उठ रहे सवालों पर जवाब देते हुए अजीत पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की वित्तीय स्थिति आरबीआई के निर्धारित ‘फिस्कल लिमिट’ (Fiscal Limit) के अंदर है। उन्होंने बताया कि ओडिशा, गुजरात और महाराष्ट्र ही ऐसे राज्य हैं, जो वित्तीय मापदंडों को सही तरीके से फॉलो कर रहे हैं।
योजना से SC-ST समुदाय को मिलेगा बड़ा फायदा
अजीत पवार ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने SC-ST समुदाय के लिए वार्षिक योजना में 40% से ज्यादा की वृद्धि की है, जिसका एक हिस्सा ‘लाडकी बहिन योजना’ के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। इससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को और अधिक लाभ मिलेगा।
क्या सरकार योजना को धीरे-धीरे खत्म कर रही है?
हालांकि सरकार ने इस योजना को पूरी तरह से बंद करने की बात से इनकार किया है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि सरकार धीरे-धीरे इसे कमजोर कर रही है। कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) का आरोप है कि योजना से महिलाओं को बाहर करने का फैसला सरकार की ‘महिला विरोधी’ नीति को दर्शाता है।
क्या बोले विपक्ष के नेता?
विपक्ष ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस नेता ने कहा,
“जब सरकार ने योजना शुरू की थी, तब क्यों ध्यान नहीं दिया कि किन महिलाओं को लाभ मिलेगा? अब गरीबों के हक को मारने का काम किया जा रहा है।”
वहीं, एनसीपी (शरद पवार गुट) ने इसे महिलाओं के साथ अन्याय करार दिया और कहा कि सरकार अपने कर्ज और राजस्व घाटे को कम करने के लिए ऐसी योजनाओं में कटौती कर रही है।