BJP सांसद प्रदीप पुरोहित के बयान से उठी सियासी भूचाल
राजनीति में विवादित बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक नया विवाद तब खड़ा हुआ जब ओडिशा के बारगढ़ से भाजपा सांसद प्रदीप पुरोहित ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने यह तक दावा कर दिया कि पीएम मोदी पिछले जन्म में मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज थे। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया और सोशल मीडिया पर भी लोग भड़क उठे।

‘पिछले जन्म में शिवाजी महाराज थे PM मोदी’ – BJP सांसद के विवादित बयान से मचा बवाल, भड़की जनता ने लगाई लताड़
संत का हवाला देकर दिया विवादित बयान
बारगढ़ से भाजपा सांसद प्रदीप पुरोहित ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी एक संत से मुलाकात हुई थी, जिन्होंने उनसे कहा था कि नरेंद्र मोदी अपने पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी महाराज थे। सांसद ने आगे कहा कि मोदी वास्तव में छत्रपति शिवाजी महाराज ही हैं, जिन्होंने महाराष्ट्र समेत पूरे देश को विकास और प्रगति की दिशा में ले जाने के लिए पुनर्जन्म लिया है।
शिवाजी महाराज से तुलना पर बवाल
सांसद का यह बयान आते ही विवाद ने तूल पकड़ लिया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और उनकी महानता का अपमान बताया। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस बयान की कड़ी आलोचना की।
विपक्ष और जनता की तीखी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड़ ने सांसद के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“इन लोगों ने छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्माननीय मुकुट नरेंद्र मोदी के सिर पर रखकर शिवाजी महाराज का घोर अपमान किया है और अब इस BJP सांसद का यह घिनौना बयान सुनिए…”
वहीं, सोशल मीडिया पर भी यूजर्स सांसद के इस बयान पर भड़के नजर आए। एक यूजर ने लिखा,
“BJP सांसद प्रदीप पुरोहित के मुताबिक नरेंद्र मोदी पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी महाराज थे। क्या यह शिवाजी महाराज का अपमान नहीं?”
एक अन्य यूजर ने लिखा,
“शिवाजी महाराज स्वराज्य के संस्थापक थे, न कि किसी राजनीतिक पार्टी के प्रतीक। उनके शौर्य, बलिदान और विचारधारा को राजनीति से जोड़ना उनकी महानता को सीमित करना नहीं?”
शिवाजी महाराज को राजनीति में घसीटने पर नाराजगी
इतिहासकारों और कई राजनीतिक विश्लेषकों ने भी इस बयान की आलोचना की है। उनका कहना है कि शिवाजी महाराज सिर्फ महाराष्ट्र के नहीं बल्कि पूरे भारत के गौरव हैं, जिन्हें किसी भी राजनीतिक मकसद के लिए इस्तेमाल करना अनुचित है।
BJP की ओर से सफाई का इंतजार
फिलहाल, भाजपा की ओर से इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं ने अनौपचारिक रूप से इसे सांसद का निजी मत बताया है।
क्या राजनीति में बढ़ रहे हैं ऐसे विवादित बयान?
यह पहली बार नहीं है जब किसी नेता ने ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की तुलना वर्तमान राजनीतिक नेताओं से की हो। इससे पहले भी कई नेताओं के विवादित बयान सामने आए हैं, जिससे जनता में नाराजगी देखी गई है।
निष्कर्ष: शिवाजी महाराज की विरासत का सम्मान जरूरी
छत्रपति शिवाजी महाराज भारतीय इतिहास के सबसे सम्माननीय और प्रेरणादायक नेताओं में से एक हैं। उनके साहस, युद्धनीति और शासन प्रणाली की आज भी मिसाल दी जाती है। ऐसे में उन्हें राजनीतिक तुलना में घसीटना, जनता के गुस्से का कारण बनता है। अब देखना यह होगा कि भाजपा इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है और क्या सांसद अपने बयान पर सफाई देते हैं या नहीं।