गुजरात हाईकोर्ट में 25 मार्च को होगी अंतरिम जमानत बढ़ाने पर सुनवाई
यौन शोषण के मामले में जेल की सजा काट रहे आसाराम ने अपनी रिहाई के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। उम्र और बिगड़ते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उनके एक साधक सुखराम एम. टांक ने याचिका दायर की है। इस पर राष्ट्रपति ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि इस पर विचार कर याचिकाकर्ता को निर्णय से अवगत कराएं।

आसाराम ने राष्ट्रपति से लगाई रिहाई की गुहार, उम्र और स्वास्थ्य का दिया हवाला
31 मार्च को खत्म हो रही अंतरिम जमानत
आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत दी थी, जो 31 मार्च को समाप्त हो रही है। उनकी जमानत बढ़ाने को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में 25 मार्च को सुनवाई होगी। अगर गुजरात हाईकोर्ट उनकी जमानत अवधि बढ़ाता है, तो फिर राजस्थान हाईकोर्ट इस पर सुनवाई करेगा।
लगभग 11 साल से जेल में बंद हैं आसाराम
आसाराम पर अपनी शिष्या से दुष्कर्म का आरोप साबित होने के बाद उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वह लगभग 11 साल से जेल में बंद हैं। हालांकि, खराब स्वास्थ्य के चलते फिलहाल वह अंतरिम जमानत पर बाहर हैं।
राज्य सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग
रिहाई की याचिका में राजस्थान सरकार से एक श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की गई है। इसमें उनकी उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विशेष परिस्थितियों में सजा माफ करने की अपील की गई है।
अब सभी की नजरें 25 मार्च को होने वाली गुजरात हाईकोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि आसाराम की जमानत अवधि बढ़ेगी या उन्हें फिर से जेल लौटना पड़ेगा।
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