🔴 गुजरात: सूरत में 23 वर्षीय ट्यूशन टीचर 13 साल के छात्र को लेकर फरार, बोली- “मैं प्रेग्नेंट हूं और बच्चा उसी का है” 🔴
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सूरत, गुजरात – गुजरात के सूरत शहर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने शिक्षा व्यवस्था, सामाजिक मूल्यों और कानून-व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। यहां 23 वर्षीय एक महिला ट्यूशन टीचर अपने ही 13 वर्षीय छात्र को बहला-फुसलाकर घर से भगा ले गई। जब छात्र चार दिन तक घर नहीं लौटा, तो परिवार ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने जब छात्र और टीचर को तलाश कर हिरासत में लिया, तब जो खुलासे सामने आए, उन्होंने हर किसी को चौंका दिया।
4 दिन बाद मिली दोनों की लोकेशन, पुलिस ने किया गिरफ्तार
छात्र के मोबाइल और आसपास के CCTV फुटेज की मदद से पुलिस ने चार दिनों की मेहनत के बाद महिला टीचर और छात्र को एक लॉज से गिरफ्तार किया। शुरुआत में मामला अपहरण जैसा लगा, लेकिन पूछताछ के दौरान कहानी पूरी तरह बदल गई।
पूछताछ में टीचर ने किया हैरान करने वाला दावा
पुलिस पूछताछ में महिला टीचर ने जो बयान दिया, उसने पूरे मामले को सनसनीखेज बना दिया। टीचर ने साफ कहा,
“मैं पांच महीने की प्रेग्नेंट हूं और मेरे पेट में जो बच्चा पल रहा है, वो उसी छात्र का है। मैं उसे छोड़ नहीं सकती थी, इसलिए उसे लेकर भाग गई।”
महिला का यह बयान न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि कानूनी दृष्टि से गंभीर अपराध की ओर इशारा करता है, क्योंकि छात्र केवल 13 साल का है – भारतीय कानून के अनुसार पूरी तरह नाबालिग।
छात्र ने भी रिश्ते की पुष्टि की
जब पुलिस ने छात्र से पूछताछ की तो उसने भी टीचर के साथ शारीरिक संबंध होने की बात कुबूल की। छात्र ने बताया कि दोनों के बीच पहले से शारीरिक संबंध बने हुए थे, और यह सिलसिला पिछले कुछ महीनों से जारी था।
यह कबूलनामा पुलिस के लिए बड़ा प्रमाण बना, जिसने मामले को पॉक्सो एक्ट (POCSO – Protection of Children from Sexual Offences) के तहत दर्ज कर लिया।
मेडिकल रिपोर्ट ने पुष्टि की गर्भवती है महिला, छात्र भी जैविक रूप से सक्षम
महिला और छात्र दोनों की मेडिकल जांच कराई गई। रिपोर्ट में महिला के पांच महीने की गर्भवती होने की पुष्टि हुई, और हैरानी की बात यह रही कि डॉक्टरों ने छात्र को पिता बनने में जैविक रूप से सक्षम बताया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह दुर्लभ मामला है, लेकिन किशोरावस्था में हार्मोनल विकास के कारण कुछ मामलों में यह संभव होता है।
कानूनी स्थिति: महिला टीचर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अपहरण की धाराएं लगीं
पुलिस ने महिला टीचर के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए भारतीय दंड संहिता की धाराएं 363 (अपहरण), 376 (बलात्कार) और पॉक्सो एक्ट की सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया है।
उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
समाज में गूंज: एक शिक्षक से ऐसा विश्वासघात चौंकाने वाला
यह मामला समाज के सामने गंभीर सवाल खड़ा करता है –
क्या हम अपने बच्चों को ट्यूशन और स्कूल में सुरक्षित मान सकते हैं?
जिसे शिक्षक कहा जाता है, जो छात्रों का मार्गदर्शक होता है, यदि वही इस प्रकार की हरकत करे तो यह समाज की नींव को हिला देने वाला होता है।
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में बच्चे मानसिक रूप से बेहद प्रभावित होते हैं। उन्हें काउंसलिंग और पारिवारिक सहारे की आवश्यकता होती है। वहीं, सरकार और स्कूल प्रशासन को ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति से पहले कठोर पृष्ठभूमि जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।
यह मामला न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है। बच्चों को सही और गलत का फर्क बताना, उन पर सतर्क निगाह रखना और शिक्षा संस्थानों में निगरानी बढ़ाना समय की मांग बन गई है।
अगर समय रहते ऐसे मामलों पर नियंत्रण नहीं लिया गया, तो समाज को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।