वरिष्ठ पत्रकार चेतनजी व्यास कि रिपोर्ट।
सोजत दुर्ग पर हर साल की भांति इस वर्ष भी ऐतिहासिक गणगौर ईशर का आगमन हुआ। परंपरा के अनुसार, कोट मोहल्ले के निवासियों ने गणगौर ईशर की पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना की।
श्रद्धालु प्रतिदिन दुर्ग पर पहुंचकर पूजा-अर्चना करने के बाद सोजत के सातों दरवाजों की ओर जाते हैं, जहां नवमी के दिन ऐतिहासिक मेला भरता है। इसी क्रम में सोमवार को भी गणगौर ईशर दुर्ग पर पानी पीने पहुंचे, जहां मोहल्ले के निवासियों ने उनका स्वागत किया और पूजा की।
इस अवसर पर श्याम सिंह चौहान, पूजा कंवर, शोभा चौहान, महीराज सिंह चौहान, रेणू कंवर, मीनाक्षी, राजल कंवर, मुकेश, पीनू, जयश्री, अनजू, उगम कंवर, राजा, मीता, विनिता सहित मोहल्ले की अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं।
निवासियों ने ईशर-गणगौर को पानी पिलाकर पूजा की और सात दिनों तक इस धार्मिक परंपरा के निर्वहन का संकल्प लिया। गणगौर महोत्सव के अंतर्गत नवमी के दिन मेला चौक में ऐतिहासिक मेला भरेगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेंगे।