✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नोट जिस दिन सोजत कृषि उपज मंडी के भाव नहीं आते हैं उस दिन आप यह समझे कि ज्यादा तेजी मंदी नहीं है
सोजत, 1 अप्रैल– सोजत कृषि उपज मंडी में मेहंदी के पत्तों की कीमतों में जोरदार तेजी देखी गई है। हाल ही में मंडी में मेहंदी की कीमतें प्रतिमन 3600 रुपये से बढ़कर 5500 रुपये तक पहुंच गई हैं, जबकि औसत दर 5100 रुपये प्रति मन दर्ज की गई है। यह तेजी व्यापारियों और किसानों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे उनके मुनाफे में इजाफा हो रहा है।
कीमतों में उछाल के कारण
व्यापार विशेषज्ञों और जानकारों के अनुसार मेहंदी के पत्तों की कीमतों में तेजी के पीछे कई कारण हैं:
- कम उत्पादन: इस साल बारिश और मौसम की अनिश्चितताओं के कारण मेहंदी की फसल पर असर पड़ा है, जिससे बाजार में उपलब्धता कम हो गई है।
- बढ़ती मांग: देशभर में खासकर त्योहारी सीजन और विवाह समारोहों को देखते हुए मेहंदी की मांग तेजी से बढ़ रही है।
- निर्यात में बढ़ोतरी: सोजत की मेहंदी की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी बनी हुई है, जिससे स्थानीय कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है।
- सट्टेबाजी और स्टॉकिंग: कई व्यापारी मेहंदी के दामों में और तेजी की उम्मीद में स्टॉक जमा कर रहे हैं, जिससे बाजार में अस्थायी कमी देखी जा रही है।
क्या आगे भी जारी रहेगी तेजी?
मंडी के अनुभवी व्यापारियों और जानकारों का मानना है कि फिलहाल मेहंदी के दामों में और वृद्धि देखने को मिल सकती है। आगामी महीनों में शादियों और त्योहारों की बढ़ती मांग को देखते हुए मेहंदी के बाजार में मजबूती बनी रहने की संभावना है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मौसमी परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहीं और आपूर्ति सीमित रही, तो कीमतें 6000 रुपये प्रति मन तक भी जा सकती हैं।
किसानों और व्यापारियों की प्रतिक्रिया
मेहंदी किसानों के लिए यह वृद्धि फायदेमंद साबित हो रही है। किसान राजू सिंह ने बताया, “इस बार फसल अच्छी नहीं हुई थी, लेकिन भाव बढ़ने से घाटे की भरपाई हो रही है। अगर यही रुझान जारी रहा तो हम अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर सकते हैं।” वहीं, व्यापारी संजय अग्रवाल का कहना है, “अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोजत की मेहंदी की भारी मांग है, जिससे स्थानीय बाजार पर भी असर पड़ रहा है।”
सोजत कृषि उपज मंडी में मेहंदी के पत्तों की कीमतों में आई हालिया तेजी किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। मांग की मौजूदा स्थिति और आपूर्ति की अनिश्चितता को देखते हुए निकट भविष्य में भी कीमतों में मजबूती बनी रहने की संभावना जताई जा रही है। अब देखना यह होगा कि बाजार किस ऊंचाई तक पहुंचता है और किसानों को इसका कितना लाभ मिलता है।