✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के जोलार में स्थित दिवाक मंदिर, न्यायिक उलझनों से मुक्ति की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां मां भगवती के दरबार में लोग हथकड़ी चढ़ाकर कोर्ट-कचहरी के मामलों से राहत की प्रार्थना करते हैं। वर्षों पुरानी इस परंपरा के चलते मंदिर परिसर में हथकड़ियों का ढेर देखने को मिलता है।
डाकुओं से जुड़ी मान्यता से शुरू हुई प्रथा
इस मंदिर की अनोखी परंपरा के पीछे एक दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है। बताया जाता है कि प्राचीन समय में इस क्षेत्र में डाकुओं का प्रभाव था। वे पुलिस से बचने के लिए जंगलों में छिपे रहते और इसी मंदिर में पूजा करने आते थे। डाकू मां भगवती से मन्नत मांगते कि यदि वे पुलिस से बचकर निकलने में सफल रहे, तो अपनी हथकड़ी माता को चढ़ाएंगे। कालांतर में यह परंपरा आम लोगों के बीच भी प्रचलित हो गई। अब कोई भी व्यक्ति जो न्यायिक मामलों में फंसा होता है, वह यहां आकर माता के चरणों में हथकड़ी चढ़ाकर समाधान की प्रार्थना करता है।
दिवाक मंदिर की शक्ति और आस्था
राजस्थान में कई चमत्कारी मंदिर हैं, लेकिन दिवाक मंदिर की अनोखी परंपरा इसे अलग बनाती है। इस मंदिर में आने वाले भक्तों का मानना है कि मां भगवती के आशीर्वाद से वे कानूनी पचड़ों से जल्द ही मुक्त हो जाते हैं। यहां सैकड़ों साल पुरानी हथकड़ियां भी देखने को मिलती हैं, जो इस परंपरा की प्राचीनता को दर्शाती हैं।
कैसे की जाती है प्रार्थना?
- सबसे पहले श्रद्धालु मंदिर में माता भगवती की विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं।
- इसके बाद वे अपनी मनोकामना माता के सामने रखते हैं और न्यायिक मामलों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
- श्रद्धालु एक हथकड़ी या बेड़ियां लाकर मंदिर के त्रिशूल पर अर्पित करते हैं। यह त्रिशूल लगभग 200 वर्ष पुराना बताया जाता है।
- कई श्रद्धालु यहां नियमित रूप से आते हैं और अपनी अर्जी लगाते हैं।
क्या सच में होता है न्याय?
दिवाक मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का दावा है कि उन्होंने यहां प्रार्थना करने के बाद अपने केस में सकारात्मक परिणाम देखे हैं। कई लोगों ने बताया कि मंदिर में प्रार्थना करने के बाद उनके मुकदमों का हल निकल आया या वे किसी बड़ी परेशानी से बच गए। हालांकि, यह आस्था का विषय है, लेकिन इस मंदिर में आने वाले लोगों की बढ़ती संख्या इसकी लोकप्रियता को दर्शाती है।
आस्था और श्रद्धा का संगम
मंदिर में हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, खासकर वे लोग जो किसी न किसी कानूनी परेशानी में फंसे होते हैं। कुछ भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में आने के बाद उन्होंने कभी खाली हाथ लौटने का अनुभव नहीं किया। यहां आने वाले लोगों को विश्वास है कि मां भगवती उनकी हर समस्या का समाधान करती हैं।
न्याय की देवी के दर्शन करें
यदि आप भी किसी कोर्ट-कचहरी के मामले में फंसे हैं और समाधान चाहते हैं, तो राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के जोलार में स्थित इस दिवाक मंदिर में जाकर मां भगवती के चरणों में अपनी अर्ज़ी लगा सकते हैं। यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक समाधान स्थल भी है।